गोविंदा का करियर सरपट दौड़ रहा था। हिट पर हिट दिए जा रहे थे। लेकिन कहते हैं ना कि वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता। गोविंदा के साथ भी वही हुआ। समय का पहिया ऐसा घूमा कि आसमान से जमीन पर आ गिरे। फिल्म पिटने लगी। दोस्तों ने साथ छोड़ दिया। काम मिलना बंद हो गया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि गोविंदा संभल पाएं उससे पहले ही सब कुछ हाथ से निकल गया।
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गोविंदा को सूझा नहीं कि करियर को पटरी पर लाने के लिए वे क्या करें। सोचा कि किस्मत रूठ गई है और ऐसे समय लोग अपने ग्रहों को खुश करने के लिए बाबाओं की शरण में जाते हैं। कहते हैं कि गोविंदा भी बाबा के पास गए थे। बाबाओं ने कुछ टोटके बताए और गोविंदा ने इन टोटकों को पूरा करने के लिए ऐसी हरकत कर डाली कि लोग चकित रह गए। गोविंदा के बारे में तरह-तरह की अफवाह उड़ने लगीं। ऐसी ही 3 अफवाहों का जिक्र हम कर रहे हैं। ये सही है या गलत, कहा नहीं जा सकता, लेकिन बॉलीवुड में इन पर यकीन किया गया था।
लेट पहुंचने का टोटका
गोविंदा जब करियर के शिखर पर थे तो शूटिंग पर देरी से पहुंचते थे। कई बार तो वे 5-6 घंटे लेट पहुंचते थे और सेट पर सभी इंतजार करते रहते थे। निर्माता खून के आंसू रोते थे क्योंकि स्टूडियो का किराया लगता था। जब किसी ने पता लगाया कि आखिर क्या कारण है कि वे देर से पहुंचते हैं तो पता चला कि किसी ने गोविंदा को कहा कि शूटिंग पर लेट जाओ। इससे फिल्म भी थिएटर में लेट (देर) तक चलेगी। देर तक यानी कई दिनों तक चलेगी तो हिट रहेगी। बस, गोविंदा लेट पहुंचने लगे।
मुर्गी के साथ शॉट
बड़ी विचित्र किस्म की अफवाह थी ये। कहा गया कि गोविंदा ने जिद पकड़ ली कि वे मुर्गी के साथ एक शॉट देंगे। अब निर्देशक और लेखक सहित सभी लोग हैरान कि स्क्रिप्ट में तो कहीं मुर्गी का जिक्र नहीं है। कैसे इसको कहानी में फिट किया जाएगा? गोविंदा नहीं माने तो फैसला लिया गया कि गोविंदा मुर्गी को पकड़ कर हाथ पीछे रखेंगे। इससे मुर्गी दिखाई भी नहीं देगी और काम भी हो जाएगा। आखिर में यह आइडिया जम गया और ऐसा ही किया गया।