रितिक रोशन और संजय दत्त की टकराहट

बॉलीवुड के लोग बड़े अजीब हैं। फिल्म पिट जाती है तो हजारों कारण गिनाए जाते हैं। एक-दूसरे का सिर ढूंढा जाता है ताकि उस पर असफलता का ठीकरा फोड़ सके। फिल्म जब हिट होती है तो श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है कि फिल्म मेरे कारण सफल हुई है।

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ताजा उदाहरण अग्निपथ का है। इस साल की पहली हिट अग्निपथ ने फिल्म के निर्माता करण जौहर की तिजोरी नोटों से भर दी है। सौ करोड़ क्लब में फिल्म शामिल हो चुकी है। सफलता को लेकर‍ विजय दीनानाथ चौहान यानी रितिक रोशन और विलेन कांचा चीना यानी की संजय दत्त में टकराहट है। दोनों फिल्म की सफलता पर पार्टी दे चुके हैं और चमचों के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में इस बात को फैला चुके हैं कि फिल्म उनकी वजह से सफल रही है।

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रितिक खेमे के लोगों का कहना है कि ‍वे फिल्म के हीरो हैं लिहाजा फिल्म की सफलता की पगड़ी उनके सिर पर बंधना चाहिए। दूसरी ओर संजय दत्त की तरफ के लोगों का कहना है कि लोग उनके लुक और एक्टिंग को देखने के लिए ही सिनेमाघरों में आए। भले ही रितिक फिल्म के हीरो हैं, लेकिन पूरी फिल्म में विलेन ने हीरो की खूब कुटाई की है। थोड़ा विस्तृत रूप से सोचा जाए तो फिल्म के असली हीरो तो वे हैं।

दावों का दौर जारी है। पता नहीं ये लोग तब कहां जा छिपे थे जब इनकी रास्कल्स, काइट्स या गुजारिश जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ा था।

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