आमिर खान इस डर से परे हैं। वे हर काम इत्मीनान से करते हैं। जब तक स्क्रिप्ट पसंद नहीं आए हां नहीं बोलते। उनसे हां बुलवाने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं। यदि स्क्रिप्ट पसंद आ गई तो वे जी जान लगाकर काम करते हैं। स्क्रिप्ट्स का ढेर उनके घर लगा हुआ है और वे ढेर में ऐसी कहानी ढूंढ रहे हैं जो उन्हें फिर से रोजगार दे।