Box Office : हे अक्षय अब तेरा सहारा...

गर्मियों की छुट्टियां आधी से ज्यादा खत्म हो गई है, लेकिन सिनेमाघरों के आगे भीड़ नजर नहीं आ रही है। सन्नाटा पसरा हुआ है। कोई हलचल नहीं है। फिल्में औंधे मुंह गिर रही हैं। ऐसा लग रहा है मानो लोगों की फिल्मों में रूचि नहीं हो। 'द जंगल बुक' के बाद मामला शांत है। बागी जैसी छुटपुट सफलताओं से कुछ नहीं होने वाला। 
 
अज़हर, फैन, सरबजीत जैसी फिल्में बमुश्किल कुछ दिन टिकी। बाकी दिन इन फिल्मों को चलाना सिनेमाघर वालों की मजबूरी थी क्योंकि उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। थोड़ा बहुत सहारा हॉलीवुड फिल्मों ने दिया।
मल्टीप्लेक्स के साथ-साथ सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों की हालत भी खराब है। दर्शकों के अभाव में शो रद्द हो रहे हैं। यदि शो चलते भी हैं तो मुठ्ठी भर दर्शक आते हैं जिनके सहारे बिजली का खर्चा भी नहीं निकलता। 
 
2016 तो बॉलीवुड के लिए अब तक बुरा साबित हुआ है। 'एअरलिफ्ट', 'नीरजा', 'बागी'  और 'कपूर्स एंड सन्स' जैसी फिल्में ही थोड़ा बहुत व्यवसाय कर पाईं, लेकिन इनकी सफलता बहुत बड़ी नहीं थी। परीक्षा बीत गई, वर्ल्ड कप खत्म हो गया और अब आईपीएल अंतिम दौर में है, लेकिन दर्शक सिनेमाघर की ओर रुख नहीं कर रहे हैं।
 
अहम सवाल ये है कि क्या बॉलीवुड फिल्में दर्शकों को खींच नहीं पा रही हैं? क्या फिल्में इतनी खराब बन रही हैं? क्या मनोरंजन के अन्य साधन उपलब्ध होने के कारण सिनेमा में दर्शक रूचि खो रहा है? क्या महंगे टिकट दर के कारण दर्शक सिनेमाघर से दूर हो गए हैं? इन प्रश्नों पर गौर कौन करेगा? 
 
जून से बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन आरंभ होगा। आईपीएल खत्म होने के बाद पहली बड़ी रिलीज होने वाली फिल्म को फायदा मिलता है। इस बार अक्षय कुमार की 'हाउसफुल 3' प्रदर्शित होगी और इस‍ फिल्म से बॉलीवुड ने उम्मीद बांध रखी है। मसाला फिल्म, ढेर सारे सितारे और अक्षय कुमार के कारण दर्शक सिनेमाघर आ सकते हैं। यह फिल्म बॉलीवुड के सूखे को राहत दे सकती है। क्या बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस के अच्छे दिन आएंगे?

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