बैंक चोर भी फ्लॉप... क्यों खराब फिल्में बना रहा है यश राज फिल्म्स?

रितेश देशमुख अभिनीत फिल्म 'बैंक चोर' बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी है। फिल्म ने पहले दिन 1.40 करोड़ रुपये, दूसरे दिन 1.66 करोड़ रुपये और तीसरे दिन 1.28 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। पहले वीकेंड का कलेक्शन महज 4.34 करोड़ रुपये रहा। फिल्म को सुरक्षित इस तर्ज पर माना जा सकता है कि फिल्म के विभिन्न राइट्स अच्छे दामों में बिके हैं क्योंकि यह यश राज फिल्म्स की ही एक और संस्था वाय फिल्म्स के बैनर तले बनी है। 
 
यश राज फिल्म्स बॉलीवुड की नामी संस्था है। इसके आदित्य चोपड़ा को बेहद समझदार निर्माता माना जाता है जो दर्शकों की नब्ज समझ कर अच्छी फिल्मों का निर्माण करते हैं, लेकिन जिस स्तर की ये फिल्में लगातार बना रहा है उससे यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या आदित्य इन दिनों फिल्म निर्माण पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बेफिक्रे, मेरी प्यारी बिंदू और बैंक चोर को दर्शकों ने रिजेक्ट कर दिया है।  
 
कभी यश राज‍ फिल्म्स की ऐसी साख थी कि बैनर का नाम पढ़ते ही दर्शक फिल्म के टिकट खरीद लेते थे। लगातार सफल और उम्दा फिल्में यह बैनर देता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सफलता का ग्राफ लगातार नीचे आ रहा है। यही नहीं वे लगातार घटिया फिल्में भी बना रहे हैं। 'बेफिक्रे' जैसी फूहड़ फिल्म इस बैनर के सर्वेसर्वा आदित्य चोपड़ा ने निर्देशित किया, यकीन ही नहीं होता। 'मॉडर्न' बनने के चक्कर में कुछ भी परोसना कहां की समझदारी है। 'बैंक चोर' भी नितांत घटिया फिल्म थी और प्रचार के लिए जो हरकत की गई थी वो भी घटिया थी। 
 
फिलहाल यह बैनर आमिर के साथ 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' और सलमान के साथ 'टाइगर जिंदा है' बना रहा है, लेकिन कुछ वर्ष पहले यह बैनर मध्यम बजट की भी अच्छी फिल्में बना रहा था, लेकिन अब वह जादू नदारद है। फिलहाल तो यश राज फिल्म्स की जगह करण जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्शन्स ने ले ली है और यह बैनर न केवल नए कलाकारों और तकनिशियनों को पेश कर रहा है बल्कि अच्छी और सफल फिल्में भी बना रहा है। 

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