16 जून को बड़े बजट की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई, लिहाजा 'बैंक चोर' जैसी फिल्म को ज्यादा स्क्रीन्स और शो मिल गए। खुला मैदान होने के बावजूद 'बैंक चोर' की ओपनिंग निराशाजनक रही। सुबह और दोपहर के शो में पांच से दस प्रतिशत दर्शक नजर आए। मल्टीप्लेक्स और बड़े शहरों में यह हाल है तो छोटे शहर में दशा और बुरी होगी।
फिल्म लंबे समय से तैयार है और प्रचार भी लंबे समय से हो रहा है। हालांकि जिस तरह से फिल्म का प्रचार किया गया उससे फिल्म के प्रति नकारात्मक माहौल बना। फिल्म का नाम ऐसे लिया गया मानो गाली बकी जा रही हो, जिससे भ्रम पैदा हो गया कि यह फिल्म द्विअर्थी होगी, जबकि ऐसी बात नहीं है।
फिल्म में रितेश देशमुख और विवेक ओबेरॉय जैसे सितारे हैं, जिनकी स्टार वैल्यू बहुत कम है। रितेश की पिछली कुछ फिल्में, बंगिस्तान, बेंजो, ग्रेट ग्रैंड मस्ती बुरी तरह फ्लॉप रही है। विवेक ओबेरॉय के सितारे भी गर्दिश में हैं, इसलिए फिल्म से बहुत अच्छी ओपनिंग की उम्मीद किसी को नहीं थी, लेकिन यश राज फिल्म्स का नाम जुड़ा होने से यह भी उम्मीद नहीं थी कि ओपनिंग इतनी बुरी रहेगी।