करण सिंह ग्रोवर ने लिखा, मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि यह इतना इंटेंस एहसास होगा। मैं कुछ समझ भी नहीं पा रहा था। हर कदम पर यह एहसास हो रहा है कि एक महिला इस समय किस दौर से गुजरती है। एक महिला के अंदर होने वाले इस अथाह चमत्कार के साथ अनंत, अनकही, अव्यक्त और कभी-कभी किसी का ध्यान न जाने वाली कठिनाइयों को मैं देख पा रहा हूं।
उन्होंने लिखा, बिना शर्त प्यार क्या है, भगवान क्या हैं, निर्माता क्या है, यह सबकी मेरे लिए यही व्याख्या है। मैं इन महीनों की उथल-पुथल के बीच यही सोचता हूं कि हम सब इस बारे में हर समय बात कैसे नहीं करते हैं? मैं लगातार बदल रहा हूं। यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि चीजों को कैसे बेहतर बनाया जाए और खुद को बेहतर कैसे बनाया जाए।
करण ने लिखा, मैं एक महिला के इस चमत्कार का साक्षी बनने के लिए लगातार कृतज्ञ हूं, उसके भीतर एक जीवन बना रहा हूं और इसे अपने दिन का एक हिस्सा बना रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं जो महसूस कर रहा था उसे शब्दों में व्यक्त करने की प्रतीक्षा कर रहा था।'