सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। सरोज के पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। 50 के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली थी।
सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी। सरोज खान ने यह भी बताया था कि मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबुल किया था। उस वक्त मुझसे कई लोगों ने पूछा कि मुझ पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है।
वहीं सरोज से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे हामिद (जो अब राजू के नाम से प्रसिद्ध है) का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में पता चला। बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सरोज खान और सोहनलाल के बीच दूरियां आ गईं।