हाईकोर्ट ने बीएमसी से कहा है कि मानसून में आप टूटी इमारत इस तरह नहीं छोड़ सकते हैं। कोर्ट ने बीएमसी से कहा कि मकान गिराने में फुर्ती दिखती है तो मरम्मत में सुस्ती क्यों? इस मामले की सुनवाई आज टाल दी गई है, शुक्रवार को फिर जिरह होगी।
कंगना ने बीएमसी के खिलाफ शिकायत करके मुआवजे की मांग की थी। कंगना के वकील का कहना है कि उनका निर्माण अवैध नहीं था। बीएमसी ने बिना मोहलत दिए ही ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी है। इस पर कोर्ट ने जवाब मांगा तो बीएमसी अधिकारी ने जवाब देने के लिए समय की मांग की। कोर्ट ने कहा कि तोड़ने में आपको वक्त नहीं लगता, जवाब मांगा जाता है तो समय चाहिए?
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले को लेकर कंगना रनौट और शिवसेना के बीच जुबानी बहस के ज्यादा आक्रामक हो जाने के बाद बीएमसी ने 9 सितंबर को कंगना के दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया था। कंगना ने इस मामले में बीएमसी से 2 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। वहीं बीएमसी ने दाखिल याचिका में कहा था कि कंगना की याचिक गलत है। कानून का गलत इस्तेमाल करने के लिए कंगना को खुद जुर्माना देना चाहिए।