जस्टिस राजीव शकधर ने केंद्र से पूछा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज होने से पहले उसने अदालत से संपर्क क्यों नहीं किया और कहा कि अब इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि फिल्म पहले से ही स्ट्रीमिंग है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि फिल्म ने भारतीय वायुसेना की छवि को धूमिल किया है क्योंकि इस फिल्म में दिखाया गया कि बल मैं लैंगिक भेदभाव होता है, जो सही नहीं है।
हाईकोर्ट ने फिल्म का निर्माण करने वाली धर्मा प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड और नेटफ्लिक्स से फिल्म की स्ट्रीमिंग को रोकने के लिए केंद्र की याचिका पर जवाब मांगा। अदालत ने कहा कि उसका यह विचार है कि पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को भी मुकदमा दायर करने के लिए एक पक्ष बनाया जाए और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए।