इम्तियाज अली अलग और अपरंपरागत फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन सभी फिल्मों में एक बात समान है कि ये लव स्टोरी होती हैं। इसी बारे में जब इम्तियाज से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि उनके लिए फिल्में बनाना मजेदार काम है। एक दशक से ज्यादा समय से वे इस इंडस्ट्री में फिल्में बना रहे हैं। वे हर बार लव स्टोरी नहीं बनाते लेकिन हर कहानी का परिणाम वही निकलता है इसलिए समानता हो जाती है। थीम को दोहराने से ज्यादा कहानी की असल बात उनके लिए मायने रखती है।
इम्तियाज अपनी फिल्मों में नायिकाओं के रोल को तवज्जो देते हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि महिलाएं ज्यादा समझदार होती हैं। मेरी फिल्मों में महिला नायक हमेशा मेरे जीवन से जुडी महिलाओं जैसी होती हैं। 'जब हैरी मेट सेजल' की सेजल भी उन्हीं में से एक है। सेजल में सारी बातें एक गुजराती समाज से ली गई हैं, जहां महिलाओं को ज्यादा तवज्जो मिलती है। उनका सांसारिक ज्ञान और स्वभाव भी सेजल में देखने को मिलेगा।