दरअसल, जावेद अख्तर ने एक्स पर लिखा, मैं एक गौरवान्वित भारतीय नागरिक हूं और अपनी आखिरी सांस तक ऐसा ही रहूंगा, लेकिन जो. बाइडन के साथ मेरी एक बात समान है। हम दोनों के पास अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने की बराबर संभावना है।
इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक एक्स यूजर ने जावेद अख्तर पर निशाना साधा। यूजर ने लिखा, आपके पिता ने पाकिस्तान को सिर्फ मुसलमानों के लिए एक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, फिर प्रगतिशील लेखक की आड़ में उन्होंने भारत में रहना चुना। आप गद्दार के बेटे हैं जिसने धर्म के आधार पर हमारे देश काविभाजन किया, अब आप कुछ भी कहें लेकिन ये सच है।
विभिन्न विषयों पर अपने मुखर विचारों के लिए जाने जाने वाले अख्तर ने शनिवार को प्रयोक्ता को जवाब देते हुए कहा, यह तय करना मुश्किल है कि आप पूरी तरह से अज्ञानी हैं या पूरी तरह से बेवकूफ हैं। 1857 से मेरा परिवार स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहा है और जेल तथा कालापानी गया है, जब संभवतः आपके बाप दादा अंग्रेज सरकार के तलवे चाट रहे थे।
जावेद अख्तर लेखक-गीतकार-कवि जां निसार अख्तर और लेखिका सफिया सिराज-उल हक के पुत्र हैं। जां निसार अख्तर विभाजन-पूर्व ब्रिटिश भारत में प्रगतिशील लेखक आंदोलन का सक्रिय हिस्सा थे। जावेद अख्तर के परदादा फजल-ए-हक खैराबादी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ 1857 के विद्रोह में भाग लिया था।