क्या कंगना रनौट ने दिया केतन मेहता को धोखा!

बॉलीवुड से जुड़े सारे लोग जानते हैं कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर फिल्म बनाने की तैयारी केतन मेहता अरसे से कर रहे हैं। दस वर्ष की रिसर्च उन्होंने की और लक्ष्मीबाई पर जानकारियां जुटाईं। कुछ कारणों से वे फिल्म अब तक शुरू नहीं कर पाए, जिसमें बजट भी शामिल है। 
 
बहुत पहले उन्होंने ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर यह फिल्म बनाने की योजना बनाई थी। उस समय सुष्मिता सेन भी लक्ष्मीबाई पर फिल्म बनाने की कोशिश कर रही थी। दोनों ही फिल्म शुरू नहीं हो पाई। 
 
कुछ समय पूर्व कंगना रनौट को लेकर केतन मेहता ने फिल्म बनाने की योजना बनाई। कंगना और उनकी कुछ मुलाकातें भी हुईं। रोल के लिए कंगना ने तलवारबाजी और घुड़सवारी सीखना भी शुरू कर दी। केतन फिल्म के लिए फंड जुटाने में लगे हुए थे। 
 
इसी बीच अचानक खबर आ गई कि कंगना लक्ष्मीबाई पर आधारित फिल्म 'मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी' करने वाली हैं और इस फिल्म से केतन का कोई लेना-देना नहीं है। इस खबर से सभी चकित रह गए। फिल्म का पोस्टर तक जारी हो गया। यह सब इतने गुपचुप तरीके से हुआ कि केतन को कानों-कान खबर नहीं लगी। केतन खुद दंग रह गए। उन्हें लगा कि उनकी बरसों की मेहनत कोई अचानक छीन कर ले गया। 
 
सूत्रों का कहना है कि केतन ने कंगना से फिल्म के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थी। अपनी रिसर्च के बारे में भी बताया था। उनकी दस बरस की मेहनत को कंगना ले उड़ी और दूसरे निर्माता के साथ लक्ष्मीबाई फिल्म करने के लिए राजी हो गईं। 
 
केतन ने 18 मई को एक लीगल नोटिस कंगना को भेजा है। इसमें उन्होंने कंगना पर उनके प्रोजेक्ट को हाइजैक करने का आरोप लगाया है। मेहता के अनुसार कंगना को उन्होंने अपनी फिल्म 'झांसी- द वॉरियर क्वीन' में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका करने के लिए जून 2015 में संपर्क किया था। कंगना राजी भी हो गई, लेकिन अचानक उन्होंने इसी विषय पर कमल जैन नामक निर्माता के साथ फिल्म शुरू कर दी।
 
मामला अब अदालत की शरण में है, लेकिन बॉलीवुड के लोगों की जुबां पर सवाल है कि आखिर कंगना ने ऐसा क्यों‍ किया? दबी आवाज में इसे धोखा कहा जा रहा है। 

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