करण जौहर ने नोट में लिखा, मैं विश्वास नहीं कर सकता कि आपको गए हुए 20 साल हो गए। मेरा सबसे बड़ा डर पैरेंट्स को खोना था। दो अगस्त 2003 को आपने मुझे बताया कि आपको ट्यूमर है। मेरा सबसे बुरा सपना मुझे देख रहा था और फिर भी उनके बच्चे के रूप में यह मेरा कर्तव्य था कि मैं पॉजिटिव रहूं और विश्वास बनाए रखूं।
उन्होंने लिखा, लेकिन भीतर की आवाज की सबसे बुरी बात ये है कि वो कभी गलत नहीं होते। इस घटना के 10 महीने बाद वो हमें छोड़कर चले गए। लेकिन उनकी गुडविल का हमें बहुत फायदा मिला। मैं सबसे दृढ़, आत्मीय और निस्वार्थ व्यक्ति का बेटा होने पर बहुत गर्व करता हूं। उन्होंने अपने रिश्तों को हर चीज से ऊपर रखा और प्यार की एक विरासत छोड़ी है जिसे मैं और मेरी मां आज भी जी रहे हैं। लव यू पापा।
गौरतलब है कि 26 जून 2004 में यश जौहर की कैंसर से मौत हो गई थी। उन्होंने दोस्ताना, दुनिया, अग्निपथ, गुमराह, डुप्लीकेट, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम और कल हो न हो जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई थी।