सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से कई सितारे अब डिप्रेशन को लेकर खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। हाल ही में नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर मनोज बाजपेयी ने अपने स्ट्रगल के शुरुआती दिनों में सामने आई परेशानियों को लेकर खुलकर अपनी बात की, और बताया कि एक समय ऐसा भी था जब वह आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे थे।
मनोज ने कहा, मैंने फिर एनएसडी में अप्लाई किया लेकिन मैं तीन बार रिजेक्ट हुआ। मैं आत्महत्या करने के काफी पहुंच गया था। यही कारण है कि मेरे दोस्त मेरे पास सोते थे और मुझे अकेला नहीं छोड़ते थे। दोस्तों ने उनका काफी साथ दिया। उस साल मैं एक चाय की दुकान पर था जब तिग्मांशु अपने खटारा से स्कूटर पर मुझे देखने आया था। शेखर कपूर मुझे बैंडिट क्वीन में कास्ट करना चाहते थे। तो मुझे लगा मैं रेडी हूं और मुंबई आ गया। शुरूआत में बहुत मुश्किल होती थी।
मनोज ने बताया, मेरे काम को पहचाना गया और मुझे कुछ समय बाद सत्या में काम करने का मौका मिला। इसके बाद अवॉर्ड्स मिले। मैंने अपना पहला घर खरीदा और मुझे एहसास हो गया था कि मैं यहां रूक सकता हूं। 67 फिल्मों के बाद भी मैं टिका हुआ हूं। जब आप अपने सपनों को हकीकत में बदलने की कोशिश करते हैं तो मुश्किलें मायने नहीं रखते हैं सिर्फ 9 साल के उस बिहारी बच्चे का विश्वास मायने रखता है।
बता दें कि मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा जगत के सशक्त अभिनेता माने जाते है। उन्होंने अपने दमदार एक्टिंग से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। बॉलीवुड में सत्या, अलीगढ, राजनीति, सत्याग्रह, गैंग्स ऑफ वासेपुर समेत कई फिल्मों में एक्टर ने अपनी अदाकारी से सबका दिल जीता है।