हाउस अरेस्ट वेब सीरीज़ की एक्ट्रेस मुस्कान अग्रवाल ने अपने करियर, इंडस्ट्री में महिलाओं के प्रति भेदभाव और बोल्ड कंटेंट करने पर मिलने वाली आलोचना को लेकर खुलकर बात की है। एक इंटरव्यू में मुस्कान ने बताया कि उन्हें अक्सर उनके बीते काम को लेकर जज किया जाता है, लेकिन उन्होंने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया।
मुस्कान ने कहा, “मैं रिजेक्शन की बात लेकर घूमती नहीं हूं। अगर किसी को लगता है कि मैं सिर्फ Ullu या ALTT की एक्ट्रेस हूं और मैंने सिर्फ बोल्ड सीन किए हैं, तो मैं ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देती।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इंडस्ट्री में जेंडर बायस (लैंगिक भेदभाव) आज भी कायम है। मुस्कान के अनुसार, “लड़कों को ज़्यादा आजादी मिलती है। वो एक दिन का रोल करें, सीरियल करें, एक्सपेरिमेंट करें, सब चलता है। लेकिन अगर कोई लड़की ऐसा करे, तो उसे 50 बातें सुनाई जाती हैं… तुम लीड रोल में थी, तुम्हारा बजट कम है, वगैरह वगैरह।”
उन्होंने ये भी कहा कि दर्शकों की सोच भी ज़्यादा नहीं बदली है। “व्यूअर्स और हेटर्स की सोच आज भी वहीं है। पर सच कहूं तो मैं अपने हेटर्स से प्यार करती हूं क्योंकि इन्हीं की वजह से मुझे असली फेम मिला। लोग आज भी बोल्ड गर्ल को देखना चाहते हैं, पर वो खुलकर कह नहीं पाते।”
मुस्कान ने फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे डबल स्टैंडर्ड को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “अगर तृप्ति डिमरी ऐसा करे तो वो प्योर आर्ट कहलाता है। रणबीर कपूर करे तो क्राफ्ट है। लेकिन हम लड़कियां करें तो अचानक ये प्रॉब्लम बन जाता है। ये दोहरापन इंडस्ट्री में हमेशा से रहा है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें एक सीरियस एक्ट्रेस साबित करने का दबाव महसूस होता है, तो मुस्कान ने बड़ी साफगोई से जवाब दिया, “बोल्ड और सेंसुअल सीन करना नॉर्मल एक्टिंग से कहीं अधिक मुश्किल होता है। ग्लिसरीन लगाकर कोई भी रो सकता है, लेकिन ये इमोशन का असली खेल होता है। अगर किसी को इसमें टैलेंट नज़र नहीं आता, तो ये उनका नुकसान है, मेरा नहीं।”