ओरी ने 'नेपो बेबीज' और 'नेपोटिज्म' के सवाल पर कहा, इन शब्दों का एकदम नेगेटिव मतलब निकाला गया है। अगर आप उस कॉलेज में जाते हैं, जहां आपके माता-पिता गए थे। तो आपको वहां प्राथमिकता दी जाती है और आपको लेगेसी चाइल्ड कहा जाता है। स्कूल-कॉलेज में आपके साथ अच्छा बर्ताव किया जाता है। लेगेसी चाइल्ड के लिए दरवाजे आसानी से खुल जाते हैं क्योंकि उनके माता-पिता ने उन दरवाजों को खुलवाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
ओरी ने कहा, मैं टेक्निकली एक आउटसाइड हूं। और जो दरवाजे उन बच्चों के लिए आसानी से खुल गए हैं। वो शायद मेरे लिए नहीं खुलेंगे। लेकिन मैं अपने बच्चों के लिए बिलकुल वैसा ही मौका चाहूंगा क्योंकि मैंने काफी मेहनत की है। मैंने जो कड़ी मेहनत की है, वो मेरे बच्चों को विरासत में मिले। अगर आज मैं प्रोड्यूसर और डायरेक्टर का दोस्त हूं और उनका मुझ पर एहसान है तो मैं अपने बच्चों के लिए वही एहसान मानूंगा।
ओरी ने कहा, क्या कार्तिक आर्यन की मेहनत का फायदा उनके बच्चों को नहीं मिलना चाहिए? क्या शाहरुख खान की मेहनत का फायदा उनके बच्चों को नहीं मिलना चाहिए? कोई भी व्यक्ति इंटरनल सोर्स की तरह पैदा नहीं होता है। ऐसे माता-पिता होंगे, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है।