ये सब बातें ट्रेलर में इस तरह से बताई गई है मानो संजय दत्त ने बहुत बड़ा काम किया हो। ट्रेलर की वाह-वाही हो रही है। ठीक है, रणबीर कपूर का अभिनय कमाल का है। लगता ही नहीं कि रणबीर को देख रहे हैं। ऐसा लगता है कि संजय दत्त ही सामने हैं।
अहम सवाल यह है कि क्या नशेड़ी, औरतखोर और अपराध कर चुके संजय दत्त की फिल्म देखना आप पसंद करेंगे? संजय दत्त ने ऐसा तो कोई तीर नहीं मारा कि उनके जीवन पर फिल्म बनाई जाए। सुभाष घई जैसा निर्देशक यह काम करे तो भी सह सकते हैं, लेकिन राजकुमार हिरानी जैसे बेहतरीन निर्देशक को क्या इससे बेहतर और कोई विषय नहीं मिला?
नि:संदेह, आम आदमी को इससे मतलब नहीं है। वह तो मनोरंजन के लिए टिकट खरीदता है। संजय दत्त जब जेल में थे तब भी उनकी फिल्में रिलीज हुईं और सफल भी हुईं। सलमान खान पर भी कई मुकदमे चले, लेकिन इससे उनकी फिल्मों की आय पर कोई असर नहीं हुआ। दर्शकों को मतलब नहीं है कि परदे के बाहर उनका हीरो असल में कैसा इंसान है। उसे तो परदे पर चल रहे घटनाक्रमों में ही रूचि है।