हाल ही में एक इंटरव्यु के दौरान उन्होंने बताया कि हम अगले 2 सालों में लगभग 9 से 10 फिल्मों का प्रोडक्शन करने वाले हैं। मैं सभी फिल्मों में एक्टिंग नहीं करूंगा, हम हमेशा नई चीजों को अपने परिणाम की चिंता किए तैयार करते हैं।
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में स्पेशल इफेक्ट के बारे में बात करते हुए शाहरुख ने कहा कि मैं समझता हूं कि हमारे पास हॉलीवुड की फिल्मों जितना बजट नहीं है। मेरे पास समर्पित टीम है, 'आनंद एल राय' की फिल्म के लिए वीएफएक्स बनाने के लिए मेहनत कर रही है। कुछ साल पहले तक लोग ऐसा करने की सोच भी नहीं सकते थे।
हमने फैन के साथ भारत में इस तकनीक की शुरुआत करने की कोशिश की। हालांकि फिल्म नहीं चली, लेकिन मेरी टीम के काम को सराहा गया। जब लोग आते हैं और मेरे बारे में बात करते हैं, तो मैं यह सब सोचता हूं कि मेरा करियर खत्म हो रहा है। यह आपको लगता है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि मैं अभी ऐसी स्थिति में हुं जहां मैं उन चीजों का भी निर्णय ले सकता हूं जहां असफलता की गुंजाइश भी है। लेकिन अगर हम ऐसा करते ही नहीं हैं, तो चीजें आगे नहीं बढ़ेगी।
शाहरुख ने आगे कहा कि मुझे 'अशोका' का किरदार करना पसंद था। इसीलिए मैंने इस पर फिल्म भी बनाई। यदि मौका दिया जाता है, तो मैं 'अशोका' को फिर से बनाना चाहता हूं, लेकिन इस बार वह ज्यादा बड़ी और शानदार होगी। हो सकता है हिंदी सिनेमा में कभी ना देखे गए कुछ बड़े वीएफएक्स भी उपयोग में लिए जाए।
उस समय हमने 8 करोड़ रुपये के बजट में 'अशोका' बनाई थी। हमें वीएफएक्स के बारे में बहुत कुछ नहीं पता था क्योंकि स्पेशल इफेक्ट उस समय चलन में नहीं था। आज सोचो हम बड़े बजट और बेहतर वीएफएक्स की मदद से कितना कुछ कर सकते हैं। मुझे इस तरह के युद्ध की कहानियां बहुत पसंद है और किसी दिन मैं निश्चित रूप से 'अशोका' को फिर से करना चाहूंगा।