नवाज़ ने बताया जब मैं नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में था और श्रीदेवी मैम की फिल्में देखता था तो उस दौरान ये पता चला कि वह किस तरह से छोटी-छोटी डिटेलिंग पर काम करती हैं। कमर्शियल फिल्मों में काम करने के बाद भी उनका जो एक्टिंग का पैरामीटर हुआ करता था, वह एक्टर को प्रेरणा देने वाला होता था। मेरा तब से सपना था कि कभी मौका मिला तो श्रीदेवी के साथ जरूर काम करूंगा।
नवाज़ ने कहा मैंने सेट पर भी देखा कि शॉट अगर दो घंटे के बाद भी है तो भी श्रीदेवी जी बहुत धैर्य के साथ रहती थीं। ऐसी कई चीजें है, जो सीखने वाली होती है। ऐसी ही बातों का अब मैं फिल्म मंटों में भी उपयोग कर रहा हूं। मंटों का बहुत ही हेक्टिक शेड्यूल है लेकिन श्रीदेवी मैम के कारण अब मैं सब झेलना भी सीख गया हूं। एक कलाकार के तौर पर मैंने कई सारी चीजें सीखी। फिल्म जब रिलीज़ होगी तब लोगों को पता चलेगा कि इनमें कितना इमोशन है।(वार्ता)