सुनील शेट्टी हाल ही में दीपक आनन्द की फिल्म 'द रैली' के ट्रेलर लॉन्च पर थे जहां उनसे 'नेपोटिज्म' पर सवाल किया गया जिस पर उन्होंने बहुत ही अच्छे जवाब दिए। बी-टाउन में अभी इसको लेकर बहस चल रही है। कुछ दिनों पहले ही करण जौहर के शो 'कॉफी विद करण' में कंगना रनौट ने करण को इस चर्चा का नेता बताया। इस बात को लेकर करण जौहर, वरूण धवन और सैफ अली खान द्वारा आइफा में कंगना पर ताने भी कसे गए। बाद में माफी भी मांगी गई।
सुनील शेट्टी का कहना था कि फिल्म 'द रैली' में भी चार नए कलाकारों को अवसर मिला है। मैं भी इंडस्ट्री का हिस्सा नहीं था फिर भी मुझे ब्रेक मिला था। मैं और दीपक दक्षिण मुम्बई से हैं। मैं अपनी ज़िन्दगी में कभी भी फिल्म स्टुडियो नहीं गया। मेरा रास्ता मैंने खुद बनाया और इस मुकाम पर पहुंचा हुं। अब मेरी बेटी को ये अवसर मिला है तो मैं नहीं सोचता कि किसी को कोई परेशानी होनी चाहिए। ऐसा हर जगह होता है बिज़नेस, पॉलिटिक्स हर जगह। कोई बड़ी कम्पनी नहीं चाहेगी कि उसकी कुर्सी उसके बेटे के सिवा कोई और सम्भाले।
बेटी अथिया के लिए भी इंडस्ट्री में जगह बनाना आसान नहीं था। उसकी पहली फिल्म 2015 में आई 'हीरो' में 40 करोड़ रुपये लगे थे और वो फिल्म नहीं चली थी। पहली फिल्म नहीं चलती तो अगली फिल्म के लिए खूब मेहनत करना पड़ती है। हीरो के बाद अथिया को 2 साल तक किसी ने मौका नहीं दिया। इसलिये मुझे ऐसा लगता है कि अब 'नेपोटिज्म' पर बहस खत्म हो जानी चाहिए।