परवेज ने अपनी मां के साथ हुई इस दुखद खटना के बारे में ईटाइम्स को बताया है। उन्होंने बताया, उनकी अम्मी कानिज अपने पति के साथ 17-18 साल पहले न्यूजीलैंड अपने बेटे के पास गई थीं। वह अपने बेटे फारूक से इतना प्यार करती थीं कि, वह उनके बिना नहीं रह सकती थीं। मेरे भाई भी मम्मी से बहुत प्यार करते थे। वह हमारे माता-पिता को न्यूजीलैंड ले गए।
मेरे भाई न्यूजीलैंड में सुधार विभाग में काम कर रहे थे, लेकिन मेरी भाभी समीना को हमारे माता-पिता पसंद नहीं थे। उन्होंने (समीना) कभी घर पर मेरे माता-पिता के लिए खाना नहीं बनाया। मेरे भाई पास के एक रेस्टोरेंट से मम्मी और डैडी के लिए खाना लाते थे। समीना की बेटी भी मेरी मां के साथ बुरा व्यवहार करती थीं। जब अम्मी को घर से निकाला गया, तो समीना के साथ उनके दो बच्चे भी वहां मौजूद थे।
उन्होंने कहा, जब से हमारे भाई फारूक का इंतकाल हो गया तब से समीना का टॉर्चर और भी बढ़ गया। जब कनीज बलसारा एयरपोर्ट पर उतरीं तो उनके पास आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए पैसे नहीं थे। जिसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने फोन करके मुझे इस बारे में जानकारी दी। परवीज ने तुरंत पैसे भेजे।
अथॉरिटी ने जब उनकी मां कनीज की बात परवीज से करवाई, तो उन्होंने कहा कि बेटा फारूक मर गया है, मैं उसे कब्र में डालकर आई हूं, मैं बहुत भूखी हूं और क्या मुझे खाना मिलेगा? परवीज ने बताया की उनकी भाभी समीना ने मां के सारे पैसों के साथ ज्वेलरी भी रख ली है।