विवेक ओबेरॉय के सामने एक ही रास्ता

यदि ‍आपका स्टार वैल्यू जीरो हो गई हो, निर्माताओं की आपमें कोई रूचि न हो, बावजूद इसके फिल्म करना चाहते हैं तो इसका एक ही रास्ता है कि खुद निर्माता बन जाओ। अपनी फिल्म में खुद ही हीरो रहो और इस बहाने मार्केट में बने रहने की कोशिश करो। 
 
आमतौर पर ये ट्रिक वे हीरो/ हीरोइन अपनाते हैं जिनका साथ उम्र छोड़ देती है, लेकिन विवेक ओबेरॉय के करियर का सूरज तो भरी दोपहर में ही अस्त हो गया। पिछले कुछ वर्षों से हाथ-पैर मार रहे हैं, लेकिन निर्माता भाव नहीं दे रहे हैं। कहते हैं कि वे एक निर्माता के पास काम मांगने गए तो उसने विवेक से ही पैसे मांग लिए। 
खैर, विवेक अपने आपको दूसरा चांस देना चाहते हैं और हाल ही में उन्होंने तमिल फिल्म '7जी रेनबो कॉलोनी' के हिंदी में बनाने के अधिकार खरीदे हैं। यह फिल्म कभी विवेक को लेकर मणिरत्नम बनाना चाहते थे, लेकिन फिल्म शुरू नहीं हो पाई और योजना कोल्ड स्टोरेज में चली गई।
 
इसे बाद में सेल्वाराघवन ने तमिल में बनाया। बाद में इसके तेलुगु और बंगाली संस्करण भी बने और कामयाब हुए। जब विवेक ने निर्माता बनने की ठानी तो वर्षों पुराना यह प्रोजेक्ट उनके दिमाग में आया और उन्होंने इस दिशा में काम शुरू किया। देखना है कि यह फिल्म विवेक को फिर स्थापित कर पाती है या नहीं। 

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