एक थी डायन का हसीन विवाद

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आमतौर पर फिल्मों के साथ जो विवाद जुडते हैं वह क्रेडिट ना दिए जाने पर होते हैं, लेकिन फिल्म एक थी डायन से जुडा जो विवाद सामने आया है वह क्रेडिट नहीं लिए जाने पर है, है ना मज़ेदार बात।

दरअसल इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म एक थी डायन मूल रूप से कोंकणा सेन शर्मा के पिता मुकुल शर्मा लिखित लघु कथा पर आधारित है। फिल्म के निर्माता विशाल भारद्वाज के कहने पर मुकुल शर्मा ने इस लघु कथा को उपन्यास का रूप दिया जिसे बाद में फिल्म की पटकथा लेखन में तब्दील किया गया।

फिलहाल खबर यह है कि फिल्म की पटकथा को एक नए उपन्यास का रूप दिया गया है। उपन्यास पूरी तरह से तैयार है, लेकिन कंफ्यूजन यह है कि इसमें क्रेडिट किसे दिया जाए। इस सिलसिले में फिल्म एक थी डायन के निर्माता विशाल का कहना है, ‘’पहले यह एक लघु कथा थी, जिसे मुकुल ने उपन्यास में बदला। फिर उस उपन्यास को केन्द्र में रखकर मैंने फिल्म की पटकथा लिखी। अब हमने उस पटकथा का उपयोग करते हुए उसे उपन्यास का रूप दे दिया है।’’

विशाल का यह भी कहना है कि मुकुल और मैंने इस पर इतनी शिद्दत से काम किया है कि हमें याद ही नहीं किसने कौन सा पार्ट लिखा है और किसे उसके लिए क्रेडिट दिया जाए। वे कहते हैं ‘’वैसे फिल्म की कहानी और उपन्यास दोनों पर हमारा नाम है क्योंकि मुकुल ने यह पहले ही कह दिया था कि अगर मैंने अपना नाम क्रेडिट में नहीं दिया तो वह भी नहीं देंगे।’’

वाकई यह काफी मजे की बात है कि इस विवाद में दुश्मनी नहीं बल्कि दोस्ती के रंग नज़र आ रहे हैं। उम्मीद करते हैं बॉलीवुड में इसी तरह के हसीन झगडे हमें देखने को मिलेंगे।

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