मैरी कॉम की कहानी

सोमवार, 1 सितम्बर 2014 (20:59 IST)
बैनर : वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, एसएलबी फिल्म्स 
निर्माता : संजय लीला भंसाली 
निर्देशक : उमंग कुमार 
संगीत : शशि-शिवम 
कलाकार : प्रियंका चोपड़ा, दर्शन कुमार, सुनील थापा, मीनाक्षी कलिटा, शिशिर शर्मा
रिलीज डेट : 5 सितंबर 2014

मैरी कॉम भारतीय महिला बॉक्सर के जीवन पर आधारित फिल्म है। 31 वर्षीय मैरी कॉम पांच वर्ल्ड एमेचर बॉक्सिंग चैम्पियन रह चुकी हैं। दु:ख की बात यह है कि इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद मणिपुर में जन्मी इस बॉक्सर के बारे में ज्यादा भारतीय नहीं जानते हैं। 
 
फिल्‍म की शुरुआत में यह दर्शाया गया है कि किस तरह एक घटना के बाद मैरी अपनी आत्‍म-रक्षा के लिए जागरुक होती हैं और आगे चलकर आत्‍मरक्षा के प्रति उनकी यह जागरुकता बॉक्‍सिंग के प्रति आकर्षण में बदल जाती है। कहानी में मैरी कॉम की शुरुआती ट्रेनिंग, एक नए खेल के लिए उनका संघर्ष, उनका इस खेल के लिए समर्पण और जुनून दर्शाया गया है। फिल्‍म में इस बात को भी बखूबी फिल्‍माया गया है कि किस तरह एक गरीब परिवार से ताल्‍लुक रखने वाली मैरी अपनी निजी आवश्‍यकताओं की कुर्बानी देकर बॉक्‍सिंग के किट और क्‍लास का खर्च उठाती है।

फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह मैरी अपने परिवार की आर्थिक स्‍थिति सुधारने के लिए बॉक्‍सिंग मैच में हिस्‍सा लेना चाहती हैं, लेकिन यह फाइट अस्‍वीकृत हो जाती है। अपने करियर की शुरुआत में मैरी को बॉक्‍सिंग फेडरेशन के ताने भी बर्दाश्‍त करने पड़े, लेकिन इन सभी नकारात्‍मक बातों से ऊपर उठकर मैरी अंतत: एक प्रोफेशनल बॉक्‍सर बनने की बात ठानती है। इसी दौरान उनकी मुलाकात ऑनलर से होती है।

 

मैरी के ऑनलर दोस्‍त बन जाते हैं। कहानी में यह भी फिल्‍माया गया है कि ऑनलर के विवाह प्रस्‍ताव पर मैरी हां कहती हैं। विवाह के बाद उनके घर दो जुड़वा बच्चे जन्म लेते हैं। अब मैरी के जीवन में एक और जिम्‍मेदारी आ गई है। उसे अपने बॉक्‍सिंग करियर के साथ बच्चों की परवरिश भी करनी है। ऐसे समय में ऑनलर, मैरी का साथ देते हैं और मैरी की अनुपस्‍थिति में अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं।


अंतत: मैरी को अपनी मंजिल मिलती है। अब वह अपने और अपने परिवार के लिए बहुत कुछ हासिल कर चुकी है। सबसे बड़ी बात वह सम्‍मान जिसके लिए वह आरंभ से संघर्ष कर रही थी, उसे मिलता है। वह दोबारा अपने घर लौटती है और अपने बच्‍चों की परवरिश में जुट जाती है।


कहानी साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखने वाली एक युवती का अपने आत्‍म-सम्‍मान और खुद की पहचान के लिए जुनून दर्शाती है। यह वह संघर्ष बयां करती है, जो अमूमन महिलाओं की राह में आता है। 'मैरी कॉम' इन सब परेशानियों को दरकिनार करके आगे बढ़ने की बात कहती है।

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