निर्माता : नरेन्द्र बजाज, चिराग बजाज
निर्देशक : अनंत नारायण महादेवन
संगीत : मिथुन
कलाकार : ज़रीन खान, गौतम रोडे, लिलेट दुबे, अभिनव शुक्ला, मोहित मदन
बुजुर्ग अरबपति श्रीमती खंबाटा की गवर्नेस की रहस्मय परिस्थितियों में मौत हो जाती है। उनके पैसों की देख-रेख करने वाले मैनेजर पैट को इस खाली स्थान को भरने के लिए कहा जाता है। पैट को उम्मीद नहीं थी कि खूबसूरत शीना रॉय इस पद के लिए आवेदन करेंगी। श्रीमती खम्बाटा एक उम्रदराज महिला चाहती थी, लेकिन पैट के कहने पर वे शीना को मौका देने के लिए तैयार हो जाती हैं।
शीना को पता नहीं है कि उसे चुनने में पैट का स्वार्थ है। वह अब इस एहसान का फायदा उठाना चाहता है। यदि शीना उसका कहा नहीं मानती तो उसे अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। शीना उसे अपने बॉयफ्रेंड रिक्की की दुर्दशा के बारे में नहीं बताती जो इस समय खराब दौर से गुजर रहा है। उसे बचने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है।
बहुत विरोध के बावजूद भी शीना को पैट की कामुक प्रवृत्ति का शिकार बनना पड़ता है। पैट सोचता है कि उसकी लेडी-किलर इमेज के कारण ही शीना उसकी तरफ आई है, लेकिन अचानक वह अपने आपको एक ऐसे घोटाले में पाता है जिसकी वजह से उसकी जिंदगी और करियर दांव पर लगे हुए हैं।
जैसे-जैसे फिल्म क्लाइमैक्स की ओर बढ़ती है, पैट, शीना, खम्बाटा, रिक्की अपने आपको निर्णायक क्षणों में पाते हैं। एक गलत कदम उनको मार सकता है तो एक सही कदम उन्हें करोड़पति बना सकता है।