मस्तिष्क पक्षाघात से पीड़ित लैला (कल्कि कोचलिन) व्हीलचेयर का उपयोग करती है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा है। वह एक महत्वाकांक्षी लेखक है जो गीत लिखती है और यूनिवर्सिटी के बैंड के लिए काम करती है। लैला न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में एडमिशन लेती है और अपनी मां (रेवती) के साथ वहां जाती है। मैनहट्टन में वह रहती है और उग्र युवा कार्यकर्त्ता खानम (सयानी गुप्ता) के साथ प्यार कर बैठती है। यही से उसके परिवार और दोस्तों के साथ के रिश्ते में अड़चनें पैदा होती हैं।