प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में है। गठबंधन टूट सकता है। समर्थन देने वाली पार्टी का एक नेता पीएम को फोन घूमा कर सलाह देता है कि उसके पास इस स्थिति का एक परफेक्ट सॉल्यूशन है। प्रधानमंत्री को राजस्थान के एक छोटे से शहर फतेहपुर स्थित पीपल वाले पीर की दरगाह पर 'चादर' चढ़ानी होगी, पीर के सम्मान के सिर झुकाना होगा और सरकार बच जाएगी। सांप्रदायिक लोगों से जूझ रहे प्रधानमंत्री का दरगाह जाना ठीक होगा?
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जब कोई समाधान नहीं निकलता तो प्रधानमंत्री अपनी सरकार बचाने की खातिर पीपल वाले पीर की दरगाह पर जाने का निर्णय लेते हैं। ऊंघता हुआ सा शहर हरकत में आ जाता है। प्रधानमंत्री जो उनके शहर आ रहे हैं। पीएम आते हैं। दरगाह जाते हैं। 'लक बाय चांस' वह असलम नामक पंक्चर वाले से भी मिलते हैं।
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देश का शक्तिशाली आदमी समाज के एक कमजोर व्यक्ति से मिलता है। दोनों में बातचीत होती है। पूरा देश उस समय आश्चर्य में पड़ जाता है जब एक पंक्चर वाले को प्रधानमंत्री द्वारा ज़ेड सिक्यूरिटी दी जाती है। इसके बाद शुरू होती है एक ऐसी अनोखी कहानी जिसमें एक आम आदमी ज़ेड सिक्यूरिटी के साथ नजर आता है।