क्या है सिंह इज ब्लिंग की कहानी?

बैनर : पेन इंडिया प्रा.लि., ग्रेजिंग गोट प्रोडक्शन्स
निर्माता : अश्विनी यार्डी 
निर्देशक : प्रभु देवा 
संगीत : साजिद-वाजिद, मीत ब्रदर्स अंजान, मंज मुसिक, स्नेहा खानवलकर, डीजे तेजस, डीजे नव एंड ढोली डीप 
कलाकार : अक्षय कुमार, एमी जैक्सन, लारा दत्ता, केके मेनन, योगराज सिंह, रति अग्निहोत्री, सनी लियोन (कैमियो) 
रिलीज डेट : 2 अक्टूबर 2015 
रफ्तार सिंह (अक्षय कुमार) अपने परिवार का सबसे अधिक 'जिम्मेदार' इंसान है। जब भी कोई काम बिगड़ता है तो उसके पिता (योगराज सिंह) उसे जिम्मेदार ठहराते हैं। अगर सफलता एक सीढ़ी है तो उस पर चढ़ने की गति उसके नाम के बिल्कुल विपरीत है। वह हाथ में लिया हुआ कोई भी काम पूरा नहीं करता, परंतु अपनी जिंदगी मजे से जीता है। दूसरों के चेहरे पर मुस्कान देख वह खुश हो जाता है। मां का लाड़ला, पिता की आंखों का कांटा और गांव वालों की नजर में वीर रफ्तार का मानना है कि जिंदगी हर दिन उत्सव है। 

रफ्तार की जिम्मेदारियों से भागने और हर काम में मौज-मस्ती करने की आदत से उसके पिता बहुत नाराज और चिढ़े रहते हैं। एक दिन रफ्तार के पिता उसे गोआ जाकर उनके दोस्त के यहां काम करने का आदेश देते हैं ताकि वह कुछ जिम्मेदारियां सीख पाए। 

अपने पिता की बात मानते हुए रफ्तार गोआ के लिए निकल पड़ता है। गोआ पहुंचने के बाद वह अपने उत्साह और अलग सोच से नए बॉस को प्रभावित कर देता है। जल्दी ही उसे एक महत्वूपर्ण जिम्मेदारी दी जाती है। 

इसी जिम्मेदारी के तहत रफ्तार की मुलाकात सारा (एमी जैक्सन) से होती है। कम बोलने वाली सारा असलियत में एक जुझारू लड़की है। उसकी सुंदरता से प्रभावित लोग नहीं जानते कि उसकी किक और पंच निश्चित तौर पर हड्डियां तोड़ सकती हैं। वह उन लड़कियों जैसी नहीं है जो गुड़ियों खेलती हैं और मेकअप से लदी रहती हैं। सारा का बचपन गुंडों और बंदुकों के बीच बीता है। उसे अपनी मां की कमी खलती है। रफ्तार, उसके दोस्त और परिवार से मिलने के बाद उसे एहसास होता है कि असली दुनिया वह नहीं है जिसमें वह रहती है। 

सारा और रफ्तार की अनोखी प्रेम कहानी शुरू होती है। इसमें उनके साथ प्यारी एमीली (लारा दत्ता) भी होती है जो लगभग उनके पनपते प्यार को खत्म कर देती है। इससे फिल्म में हास्यास्पद परिस्थितियां उत्पन्न होती है। 

जल्दी ही रफ्तार को अहसास होता है कि सारा वैसी नही है जैसे वह उसे समझता है। उसे महसूस होता है कि वह यहां किसी और मकसद से आई है। मकसद तलाशने के लिए रफ्तार को रोमानिया जाना होता है। सवाल यह है कि एक गांव का भोला भाला नौजवान, जो किसी से ठीक से बातचीत भी नहीं कर सकता, परदेस में अपने प्यार को बचा पाएगा। 

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