फिल्म समीक्षा

सलमान खान सपनों की दुनिया में रहते हैं। इसीलिए वे "वीर" जैसी फिल्म लिखते हैं और "चिल्लर पार्टी" जैसी...
हम ठीक वही करते हैं, जिसे करने के लिए हम बच्चों को मना करते हैं। अमोल गुप्ते ने "स्टेनली का डब्बा" ब...