फिल्म समीक्षा : मैं और मिस्टर राइट

शनिवार, 13 दिसंबर 2014 (11:49 IST)
मैं और मिस्टर राइट एक रोमांटिक कॉमेडी है। यह फिल्म कुछ हॉलीवुड फिल्मों का टच लिए हुए है। यह लाइट मूड की फिल्म है। एक सिंगल गर्ल अपने लिए मिस्टर राइट की तलाश में है। लड़की अपने क्षेत्र में सफल है और अपने आसपास मिस्टर राइट को खोजती है, इस बात से अनजान कि मिस्टर राइट जैसा किसी चीज का अस्तित्व नहीं होता। फिल्म यह भी दिखाने कि कोशिश करती है कि जिस इंसान की खोज में हम यहां-वहां भटकते हैं वह कहीं पास ही होता है और हम उसे देख नहीं पाते।

फिल्म में रिश्तों के उलझाव को कॉमेडी के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई है। यह आठ लोगों की कहानी है जिसमें लड़की आलिया और लड़का सुखी की भूमिका सबसे अहम है। आलिया बॉलीवुड में रोल के लिए लोगों को चयन करने का काम करती है और सुखी एक स्ट्रग्लिंग एक्टर है। यह फिल्म बहुत कुछ हॉलीवुड फिल्म 'द वेडिंग डेट' और 'फोर वेडिंग्स एंड अ फ्यूनेरल' का देसी रूपांतरण लगती है।

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फिल्म में बप्पी लहरी का संगीत फिल्म की सबसे अच्छी बात है। बारुन सोबती ने सुखी के रोल में बहुत अच्छा अभिनय किया है, लेकिन शहनाज ट्रेजरीवाला आलिया के रूप में अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाईं। फिल्म मनोरंजन के हिसाब से ठीक बन पड़ी, पर मन पर गहरी छाप छोड़ने में असफल है।

आलिया को सुखी के विषय में अपनी पंसद का अंदाजा होने में दो घंटे लग जाते हैं जो कि दर्शकों में बैचेनी और बोरियत भर देते हैं। आलिया और सुखी के बीच के संवाज सच न लगकर स्क्रीपटेड लगते हैं और मन को छू लेने में असफल है। फिल्म में भावनात्मक पक्ष कमजोर है और मन में आगे की कहानी जानने की उत्सुकता नहीं होती, क्योंकि जब सुखी आलिया के ऑफिस में पहली बार घुसता है तभी आगे की कहानी सभी को पता चल जाती है।

आलिया के काम को बेमतलब में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित करने की कोशिश की गई है। सही निर्देशन में फिल्म काफी अच्छी बन सकती थी। कहानी बहुत जानी-पहचानी है और अगर सही तरीके बन पड़ी होती तो दर्शकों को बहुत लुभाती।

 
निर्माता : पूजा गुजराल
निर्देशक : अदीब रैस
संगीत : बप्पी लहरी
कलाकार : बारुन सोबती, शहनाज ट्रेजरीवाला, वरुण खंडेलवाल, डैनी सुरा
टाइम : 2 घंटे, 9 मिनट
रेटिंग : 1.5/5

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