हॉलीवुड वालों का कुछ नया सूझ नहीं रहा है। बड़े बजट की फिल्म बनाते समय सेफ खेलने के चक्कर में दुनिया बचाने का प्लॉट ही उनके दिमाग में आता है। दुनिया पर खतरा है और एक सुपरहीरो आकर इससे हमें बचाता है। प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई 'द टुमारो वॉर' में भी इसी तरह की कहानी है। खतरा व्हाइटस्पाइक्स नामक एलियन से है और खास ट्विस्ट यह है कि यह लड़ाई भविष्य में यानी कि सन 2048 में हो रही है। एलियन के रूप में खतरा नई बात नहीं है, कई फिल्मों में हम देख चुके हैं। नई बात यह है कि लड़ाई आने वाले समय में हो रही है।
बॉयोलॉजी टीचर और पूर्व आर्मी रेंजर डेन फोरेस्टर को दिसम्बर 2022 में एक मैसेज मिलता है कि उसे जल्दी ही एक लड़ाई के लिए जाना है। सन 2048 में यह लड़ाई इंसान और व्हाइटस्पाइक्स के बीच हो रही है। अपनी पत्नी और नौ वर्षीय बेटी को छोड़ डेन सात दिन के लिए लड़ने के लिए जाता है। वहां पहुंच कर वह अपनी बेटी से मिलता है जो अब बड़ी हो चुकी है और इस लड़ाई में अपनी तरफ से योगदान दे रही है। कुछ राज खुलते हैं। सात दिन लड़ने के बाद फिर वह वर्तमान समय में लौटता है और ऐसी योजना बनाता है कि भविष्य में होने वाली यह लड़ाई न हो।
शुरुआत में फिल्म उम्मीद जगाती है कि शायद लीक से हटकर कुछ देखने को मिलेगा। भविष्य की लड़ाई में कुछ जबरदस्त स्पेशल इफेक्ट्स/सीजीआई के जरिये मन बहलाया जाएगा, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है उम्मीदें कम होने लगती हैं। भविष्य की लड़ाई में कुछ भी नया नजर नहीं आता। इसका समय 2021 भी रखा जाता तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
जहां तक व्हाइटस्पाइक्स की बात है तो यह एक क्रीचर है। इससे कई गुना बेहतर क्रीचर हम कई हॉलीवुड मूवीज़ में देख चुके हैं। इस क्रीचर से इंसान की जो लड़ाई है, बहुत रोमांचक नहीं है।
डेन का वर्तमान समय में लौटना और इन क्रीचर्स को जड़ से ही साफ करने वाले प्रसंग में सिनेमा के नाम कर जो छूट ली है उसमें अति कर दी गई है। चुपचाप प्लेन से रशिया जाकर कुछ लोगों द्वारा इस मिशन को अंजाम देने वाले दृश्य पचते नहीं हैं। कई सवाल खड़े करते हैं। डेन और उसकी बेटी के बीच के इमोशनल सीन्स ही इस फिल्म में प्रभावित करते हैं।
क्रिस मैके का निर्देशन रूटीन है। वो जादू वे जगा नहीं पाए जो इस तरह की फिल्मों में जरूरी होता है। फिल्म को भव्य पैमाने पर बनाया जरूर है, लेकिन इसमें वो बात नहीं है जो चकाचौंध कर दे।
लीड रोल अदा करने वाले क्रिस प्रैट अपनी एक्टिंग स्किल्स से प्रभावित करते हैं। इमोशनल सीन में उनका अभिनय देखने लायक है तो स्टंट्स भी उन्होंने खूब किए हैं। वोने स्ट्राहोवस्की ने क्रिस की वयस्क बेटी का रोल दमदार तरीके से अभिनीत किया है। सपोर्टिंग कास्ट का बढ़िया सपोर्ट मिला है।
कुल मिलाकर 'द टुमारो वॉर' का बार औसत से ऊपर नहीं उठता।