प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने बजट को लाजवाब तथा शानदार बताते हुए कहा है कि यह बजट आम आदमी, मध्यम वर्ग तथा किसानों का बजट है।
संप्रग सरकार का पाँचवाँ बजट उम्मीदों पर इतना खरा उतरा है जितना पहले कभी नहीं उतरा। संसद में आज वर्ष 2008-09 का बजट पेश किए जाने के बाद पूछे जाने पर थोड़ी मुस्कान के साथ प्रधानमंत्री ने कहा- सभी की उम्मीदों पर खरा उतरा है।
उन्होंने कहा कि इस बजट से कर्ज में डूबे किसानों की तकलीफों को जहाँ दूर किया गया वहीं मुद्रा स्फीति रोकने, रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा आर्थिक मंदी से बचने के लिए आर्थिक विकास पर जीडीपी की बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
बाद में दूरदर्शन पर प्रसारित अपनी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अपना काम बहुत शानदार तरीके से किया है तथा इसमें आम आदमी का पूरा ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि बजट में आयकर में छूट की सीमा बढ़ाए जाने से प्रत्येक करदाता को लाभ मिलेगा। विशेष तौर पर छोटे तथा मझौले किसानों के कर्ज माफ किए जाने से उन्हें राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री का कहना था कि बजट से कुल मिलाकर विकास गति बनी रहेगी तथा रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। किसानों के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दरअसल यह जिम्मेदाराना कदम है तथा पूरी तरह से उचित है।
उन्होंने कहा कि यह एक आम धारणा बन गई थी कि कृषि क्षेत्र के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है तथा किसान आर्थिक विकास प्रक्रिया के सक्रिय भागीदार नहीं बन पाए हैं और इन तमाम वजहों से किसानों में हताशा बढ़ रही थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि निश्चय ही हमें अपनी कृषि विकास दर बढ़ानी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास दर बनाए रखने तथा मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेष तौर पर अनाज की बढ़ती कीमतों तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर इस स्थिति को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।
उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि बजट से विकास दर बरकरार रहेगी, मूल्यों को नियंत्रण में रखा जाएगा तथा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए समुचित धन आवंटन होता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री ने वित्तीय तथा राजस्व घाटे को नियंत्रित करने के लिए समुचित कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले चार पाँच वर्षों में कृषि उत्पादन बढ़ने का असर दिखाई देने लगेगा।