जेटली ने कहा, सर्वे भवन्तु सुखिन...

शनिवार, 28 फ़रवरी 2015 (16:26 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए एक शेर पढ़ा और भाषण का अंत संस्कृत के एक श्लोक से किया जिसका भावार्थ था 'सभी सुखी रहें, सभी खुश रहें।'

लोकसभा में वर्ष 2015-16 के लिए आम बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार को निशाने पर लेते हुए यह शेर पढ़ा: 'कुछ तो फूल खिलाए हमने, और कुछ फूल खिलाने हैं, मुश्किल ये है बाग में अब तक, कांटे कई पुराने हैं।'

इस शेर से जहां विपक्षी बैंचों पर खामोशी छा गई वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से मेजें थपथपाई।

विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा बैठे हुए थे।

आसमानी रंग की कमीज और काली पतलून और गहरे नीले रंग की नेहरू जैकेट पहने जेटली ने करीब पौने दो घंटे में अपना बजट भाषण पूरा किया। दर्शक दीर्घा में उनकी बड़ी बहन मधु और भांजी पुनिता भी काफी ध्यान से उनका बजट भाषण सुनते देखीं गईं।

वित्त मंत्री ने कई अवसरों पर लिखित भाषण से हटते हुए कुछ चीजों को विशेष रूप से सदस्यों को समझाने का प्रयास किया।

भाषण की समाप्ति की ओर बढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता ‘दरिद्र नारायण’ के प्रति है और यह प्रतिबद्धता जाति, नस्ल या धर्म के भेदभाव के बिना समानता और सभी के लिए न्याय के संवैधानिक सिद्धांतों से संचालित है।

इसी संदर्भ में उन्होंने भाषण की समाप्ति पर संस्कृत का श्लोक पढ़ा : 'ओम सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्रानि पश्यन्तु, मा कश्चिद दुखभाग भवे, ओम शांति, शांति शांति।' (भाषा)

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