कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपए

शनिवार, 28 फ़रवरी 2015 (18:27 IST)
नई दिल्ली। किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए  कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। इसके अलावा ऊंची कृषि  उत्पादकता हासिल करने के लिए सिंचाई व मृदा के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्तीय समर्थन की  घोषणा की है।
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि ऋण हमारे  मेहनती किसानों को सहारा देते हैं। ऐसे में मैंने 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण  का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि बैंक इस लक्ष्य को पार कर लेंगे।
 
किसानों को तीन लाख रुपए तक का फसल ऋण सात प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। हालांकि यदि  किसान ऋण का भुगतान समय पर करता है तो प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत रहती है। चालू वित्त  वर्ष में कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य 8 लाख करोड़ रुपए है। सितंबर तक 3.7 लाख करोड़ रुपए का  कृषि ऋण वितरित किया गया था।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों को प्रभावी व अड़चनरहित कृषि ऋण के जरिए कृषि क्षेत्र को समर्थन  को मैं 2015-16 में ग्रामीण संरचना विकास कोष में 25,000 करोड़ रुपए के आवंटन का  प्रस्ताव करता हूं।
 
इसके अलावा वित्तमंत्री ने दीर्घावधि के ग्रामीण ऋण कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन  की घोषणा की। इसके अलावा सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित्त कोष के लिए 45,000 करोड़ रुपए व  लघु अवधि के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्वित्त कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन का  प्रस्ताव किया है।
 
सिंचाई को प्रोत्साहन देन व मृदा की सेहत सुधारने के लिए जेटली ने कहा कि किसानों के प्रति  हमारी प्रतिबद्धता काफी गहरी है। हमने पहले ही कृषि उत्पादन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं मृदा व  पानी पर बड़े कदम उठाए हैं।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि मैं कृषि मंत्रालय की जैव कृषि योजना ‘परंपरा कृषि विकास योजना’ तथा  प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना (पीएमजीएसवाई) को समर्थन का प्रस्ताव करता हूं। मैं सूक्ष्म सिंचाई  जल संभरण कार्यक्रमों व पीएमजीएसवाई के लिए 5,300 करोड़ रुपए का आवंटन कर रहा हूं।
 
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई का उद्देश्य प्रत्येक किसान के खेत की सिंचाई व पानी के इस्तेमाल  की दक्षता में सुधार करना है। इसके अलावा टिकाऊ आधार पर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए  महत्वाकांक्षी मृदा हेल्थ कार्ड जारी किया गया है।
 
वित्तमंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि किसान अब स्थानीय व्यापारियों  के जाल में नहीं हैं, लेकिन उनकी उपज को अभी तक सर्वश्रेष्ठ अनुमानित मूल्य नहीं मिलता है।  किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हम राष्ट्रीय साझा बाजार स्थापित करना चाहते हैं। (भाषा)

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