सरकार ने इस बार आम बजट 28 फरवरी के बजाय एक फरवरी को पेश करने का निर्णय लिया है जिसका विपक्षी दलों ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विरोध किया है और इसे टालने के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई है। आयोग ने इस पर सरकार से जवाब मांगा था। विपक्षी दलों का कहना है कि चार फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाता बजट में की जाने वाली घोषणाओं से प्रभावित हो सकते हैं।
विपक्षी दलों का कहना है कि उन्हें 31 जनवरी से बजट सत्र बुलाने पर कोई एतराज नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 8 फरवरी को होने के बाद ही बजट पेश किया जाना चाहिए, जिससे कि सरकार मतदाताओं को प्रभावित न कर सके। (वार्ता)