उन्होंने कहा, मेरी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को अष्टलक्ष्मी के रूप में देखती है जो भारत को नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र, दक्षिण एशिया का प्रवेश द्वार है। हम सड़क, रेल मार्ग से अपने पड़ोसी देशों को जोड़ रहे हैं ताकि इस क्षेत्र में तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
राष्ट्रपति ने कहा, सभी क्षेत्रों का संतुलित और न्यायसंगत विकास भारत की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। अपनी सक्रिय एक्ट ईस्ट नीति के तहत मेरी सरकार द्वारा सड़क, रेल, वायुमार्ग, दूरसंचार, विद्युत और जल मार्गों का विकास कर देश के अन्य भागों से सुदूर पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्र को जोड़ने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर राज्यों को निरंतर सहायता और उनका विकास सुनिश्चित करने के लिए मेरी सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों को दी जाने वाली सहायता के पैटर्न में विशेष व्यवस्था जारी रखी गई है। इन राज्यों की कोर सेंट्रल स्कीमों के लिए 90:10 के अनुपात से तथा नान कोर सेंट्रल स्कीमों के लिए 80:20 के अनुपात से सहायता प्रदान की जा रही है।
मुखर्जी ने कहा, इस वर्ष के अंत तक पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित सभी मीटर गेज पटरियों को ब्रॉड गेज में बदल दिया जाएगा। रेलवे ने इस क्षेत्र में लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से बड़े पैमाने पर विस्तार कार्य शुरू कर दिए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश तथा मेघालय को रेल मानचित्र में शामिल कर लिया गया है एवं त्रिपुरा में अगरतला को ब्रॉड गेज लाइन के जरिए जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र अपने सौन्दर्य और विविधता के कारण पर्यटन के लिए सहज आकर्षण का केन्द्र है। पर्यटन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक थीमेटिक सर्किट की पहचान कर ली है। (भाषा)