युवाओं के बीच सिर्फ मजे और हँसने-हँसाने के तौर पर जितने भी शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं, उनमें से ज्यादातर फिल्मों से ही चलन में आए हैं। हर समय कुछ नया करने या सोचने को बेताब रहने वाली हमारी न्यू जनरेशन को जैसे ही कुछ अलग हटकर देखने या सुनने को मिलता है, वह उसे फौरन अपना लेती है।
एक बड़े शॉपिंग मॉल के बाहर खड़े कुछ युवा आपस में बड़े दोस्ताना अंदाज में बातें कर रहे हैं। उन्हें दीन-दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है। देखने और बातचीत के लहजे में सभी पढ़े-लिखे और खाते-पीते घरों के लड़के लग रहे हैं। थोड़ी ही देर में दो मॉडल सरीखी लड़कियाँ लग्जरी कार से उतरकर मॉल के अंदर जाने लगती हैं।
अपनी दुनिया में मस्त उन युवकों का ध्यान अचानक उन लड़कियों पर जाता है। वे सभी उन्हें घूर-घूरकर देखने लगते हैं। जब लड़कियाँ थोड़ा आगे निकल जाती हैं तो उनमें से एक कहता है, 'कितनी भयंकर लग रही हैं, यार।' दूसरा उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहता है, 'वाकई यार झक्कास है।' सभी लड़के हँस पड़ते हैं और उन लड़कियों को भूलकर फिर से अपनी दुनिया में खो जाते हैं।
फिल्म 'दबंग' में सलमान ने 'भयंकर' शब्द का इस्तेमाल अपनी नायिका के लिए किया, तब से हर युवा की जुबाँ पर यह शब्द फेविकोल की तरह चिपका हुआ है। 'भयंकर' शब्द का इस्तेमाल किसी डरावनी चीज के लिए किया जाता है लेकिन सलमान ने इसका इस्तेमाल खूबसूरती का बखान करने के लिए किया। फिल्म हिट क्या हुई, यह शब्द भी हिट हो गया। अब तो युवा इस शब्द का बड़ी बेबाकी से इस्तेमाल कर रहे हैं और बड़ी बात यह है कि 'खूबसूरत' के लिए 'भयंकर' का इस्तेमाल उन्हें एक अलग ही मजा देता है।
युवाओं के बीच सिर्फ मजे और हँसने-हँसाने के तौर पर जितने भी शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं, उनमें से ज्यादातर फिल्मों से ही चलन में आए हैं। हर समय कुछ नया करने या सोचने को बेताब रहने वाली हमारी न्यू जनरेशन को जैसे ही कुछ अलग हटकर देखने या सुनने को मिलता है, वह उसे फौरन अपना लेती है।
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नई पीढ़ी को अगर 'भयंकर' शब्द का इस्तेमाल खूबसूरती के बखान के लिए बिलकुल नया लग रहा है तो वह उसे अपने मनोरंजन के साथ भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भी इस्तेमाल कर रही है।
बॉलीवुड में इस तरह की रफ फिल्मों का अलग ही इतिहास रहा है। रफ फिल्मों में रफ डॉयलॉग या शब्द भी इतने पसंद किए गए कि इन्हें उस दौर के युवाओं ने अपनी भाषा में शामिल कर लिया। अमिताभ के दौर में तो कई फिल्में ऐसी रहीं जिनमें 'एंग्री यंग मैन' की छवि के साथ उनके डॉयलॉग भी खूब लोकप्रिय हो गए।
हालाँकि उन्हें अपशब्द की संज्ञा दी जाती थी। 'शहंशाह' में अमिताभ ने हर 15 मिनट के बाद 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह' बोला तो हर युवा की जुबाँ पर यह लाइन ऐसी चढ़ी कि आज भी मजाक के मूड में खड़े दोस्त किसी को चिढ़ाने के लिए इस लाइन को जरूर बोलते हैं।
अमिताभ के बाद के दौर में अनिल कपूर ने युवाओं का परिचय 'झक्कास' शब्द से कराया। अनिल कपूर ने कई टपोरी किस्म की फिल्मों में काम किया और उनके बोले कई शब्द युवाओं के बीच आज भी लोकप्रिय हैं, 'झक्कास' उन्हीं में से एक है।