इस वजह से घट रही है पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री, साल दर साल आधार पर रिटेल सेल में 10 फीसदी की गिरावट : FADA

सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (20:16 IST)
2022 का पहला महीना जनवरी भी ऑटोमोबाइल सेक्टर निराशा भरा रहा। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप की निरंतर जारी कमी से उत्पादन प्रभावित होने के कारण इस वर्ष जनवरी में वाहनों की बिक्री में 10.7 प्रतिशत की कमी रही और यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 1612130 से घटकर 1439747 इकाई पर आ गई।
 
ऑटोमोबाइल डीलरों के संघ फाडा की सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में कुल 1439747 वाहनों की बिक्री की गई, जो जनवरी 2021 के 1612130 इकाई से 10.7 प्रतिशत कम है। इस दौरान यात्री वहनों की बिक्री 287424 से 10.12 प्रतिशत कम होकर 258329 इकाई रह गई।
 
आलोच्य अवधि में दुपहिया वाहनों की बिक्री 1175832 इकाई के मुकाबले 13.44 प्रतिशत गिरकर 1017785 इकाई पर आ गई। तिपहिया वाहनों की बिक्री में 29.80 प्रतिशत की उछाल रहा और यह 31162 इकाई से बढ़कर 40449 इकाई पर पहुंच गई। इसी तरह व्यवसायिक वाहनों की बिक्री भी 56227 से 20.52 प्रतिशत बढ़कर 67763 इकाई हो गई।
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इस दौरान हल्के व्यवसायिक वाहन (एलसीवी) की बिक्री 34640 से बढ़कर 40343, मध्यम व्यवसायिक वाहन (एमसीवी) की 3495 से अधिक होकर 4093 और भारी व्यवसायिक वाहन (एचसीवी) की बिक्री 14370 से बढ़कर 20279 इकाई पर पहुंच गई। हालांकि ट्रैक्टरों की बिक्री में 9.86 प्रतिशत की कमी रही और यह 61485 इकाई से घटकर 55421 पर आ गई। इसी तरह अन्य वाहनों की बिक्री भी 3722 से कम होकर 3048 इकाई रह गई।
 
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि इस वर्ष जनवरी में वाहनों की बिक्री का प्रदर्शन कमजोर रहा क्योंकि साल-दर-साल आधार पर कुल खुदरा बिक्री में 10.7 फीसदी की गिरावट आई है। जनवरी 2020 में वाहनों की खुदरा बिक्री की तुलना में 18.4 प्रतिशत की गिरावट से पता चलता है कि भारत अभी तक कोविड के प्रभाव से उबर नहीं पाया है।
 
अच्छी मांग के बावजूद यात्री वाहन को सेमी-कंडक्टर की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से इन्वेंट्री शून्य हो गई है। ग्रामीण संकट ने मूल्य वृद्धि और ओमीक्रॉन लहर के साथ मिलकर 2-व्हीलर सेगमेंट के लिए खलनायक की भूमिका निभाई।
 
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने से व्यावसायिक वाहन श्रेणी विशेष रूप से एचसीवी श्रेणी में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि जारी रही।

केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढांचे के खर्च में वृद्धि करने से समग्र सीवी श्रेणी की गति तेज बनी हुई है। वास्तव में, हमारे आंतरिक सर्वेक्षण में 55 प्रतिशत डीलरों ने कहा कि ओमीक्रॉन लहर के कारण उन्हें 10 प्रतिशत से अधिक बिक्री का नुकसान हुआ है।

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