लगभग दो दशक से आहार एवं पोषण विज्ञान में तेजी से विकास हो रहा है। यह क्षेत्र विज्ञान की एक शाखा है। सामान्य जनता को भी इस क्षेत्र में जागरूकता आ रही है। विशेष रूप से food Industry, व्यक्ति life style भोजन सेवन की आदतों में बदलाव और गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने के कारण आहार विशेषज्ञ का क्षेत्र समाज में एक चैलेंज की तरह उभर रहा है। आहार एवं पोषण विशेषज्ञ का कार्य व्यक्ति को उसके उम्र, लिंग, शारीरिक कार्यक्षमता के अनुसार आहार परामर्श व विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ जैसे हृदय संबंधी, किडनी संबंधी, कैंसर, डायबिटीज आदि में व्यक्ति की बीमारियों के अनुसार आहार परामर्श देना।
गंभीर बीमारियों में व स्वस्थ रहने के लिए आहार पर ध्यान देना अति आवश्यक है। आहार एवं पोषण विशेषज्ञ का कार्य जिन पोषक तत्वों की शरीर में कमी या अधिकता है, उसे आहार में उपस्थित पोषक तत्वों की मात्रा से पूर्ति करने का परामर्श देना है।
आहार एवं पोषण विशेषज्ञ आहार विशेषज्ञ की आवश्यकता गाँव से लेकर कॉर्पोरेट वर्ल्ड/फूड रिसर्च सेंटर तक है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हर घर, स्कूल, होटल, फैक्टरी में आहार विशेषज्ञ की आवश्यकता है। शोध से पता चला है कि 60 प्रश बीमारियाँ सिर्फ आहार पर विचार करके सेवन करने से कम की जा सकती हैं। जहाँ तक करियर के प्रति जागरूकता का प्रश्न है, लोग अभी पूरी तरह जागरूक नहीं हैं, पर अब तेजी से जागरूकता आ रही है, क्योंकि व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने में आहार विशेषज्ञ की अहम भूमिका रहती है।
आहार विशेषज्ञ की शैक्षणिक योग्यता (1) MHSC (आहार एवं पोषण) की डिग्री। (2) मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 6 माह की Internship
विशिष्ट योग्यता : (1) पीएचडी करके डॉक्टरेट की उपाधि।
(2) विशिष्ट बीमारियों में डिप्लोमा कोर्स, जैसे हृदय संबंधी बीमारियाँ, किडनी संबंधी, डायबीटिज इत्यादि।
अवसर और विकल्प अस्पतालों में : (1) प्रत्येक मरीज की उम्र, लिंग, वजन, शारीरिक कार्यक्षमता और बीमारियों के अनुसार आहार परामर्श करना।
(2) आईसीयू मरीज जो मुँह से आहार ग्रहण नहीं कर सकते, उनके लिए फिडिंग नली द्वारा आहार देने का परामर्श या आहार तालिका बनाना।
(3) Super speciality Hospital में Cardiac dietician (हृदयरोग आहार विशेषज्ञ) renal dietician (किडनी रोग आहार विशेषज्ञ), (डायबिटीक आहार विशेषज्ञ) व diabetic dietician Peaditric dietician शिशु रोग आहार विशेषज्ञ, कुपोषण रोग आहार विशेषज्ञ आदि।
शिक्षण संस्थान : विश्वविद्यालय द्वारा आहार एवं पोषण व होटल मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ पीएचडी कर ली जाए तो शिक्षक या प्रोफेसर के रूप में करियर बनाया जा सकता है।
होटल एवं स्कूल : 5 स्टार होटल व स्कूल में जहाँ भोजन की बच्चों के लिए व्यवस्था है, आहार विशेषज्ञ के परामर्श द्वारा ही पौष्टिक भोजन बनाया जाता है।
जिम एवं खेल के मैदान : बॉडी मसल्स बनाने व वजन कम करने में मशीनों से ज्यादा आहार पर ध्यान देना अति आवश्यक है। अतः हेल्थक्लब, जिम में आहार विशेषज्ञ की अहम भूमिका रहती है। खिलाड़ी को अधिक कैलोरी व प्रोटीन की आवश्यकता है। उम्र, खेल के अनुसार खिलाड़ियों का आहार तय करना आहार विशेषज्ञ का ही कार्य है।
समाज : समाज में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिला और धात्री महिला को किस प्रकार आहार दिया जाए, इस कार्य के लिए सरकार द्वारा आहार विशेषज्ञों की नियुक्ति होती है। यूनीसेफ भी गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के आहार की जिम्मेदारी आहार विशेषज्ञ की नियुक्ति करके उन्हें पोषित करने का कार्य करती है। सरकारी एवं गैर सरकारी और विभिन्न फूड इंडस्ट्री द्वारा आहार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट व रिसर्च के लिए वेकेंसी निकाली जाती है। रिसर्च कार्य को आगे बढ़ाकर इस क्षेत्र में बहुत आगे तक बढ़ा जा सकता है।
कॉर्पोरेट वर्ल्ड : बहुराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कंपनियों में आहार विशेषज्ञ को नियुक्त किया जाता है। कॉर्पोरेट सेक्टर में अधिकतर व्यक्ति के अधिक कार्य बोझ, शारीरिक कार्य की कमी व फास्ट/जंक फूड के चलन के कारण व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह पाता। इसलिए उन्हें पर्याप्त, पौष्टिक आहार परामर्श करना आहार विशेषज्ञ की ही जिम्मेदारी है। कंपनियों के फूड प्रोडक्ट के बारे में लेक्चर या न्यूट्रीटिव ऑस्पेक्ट के बारे में बताना।
फूड बायोटेक्नॉलॉजी : जिन थेरेपी द्वारा सामान्य खाद्य पदार्थ में जिस पोषक तत्व की कमी है, उस पोषक तत्व को खाद्य पदार्थ में शामिल करना। यह इस क्षेत्र में सबसे नया विकल्प है।
रिसर्च वर्क : विशेष बीमारी पर खाद्य पदार्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है व आहार पर निरंतर खोज का कार्य तेजी से चल रहा है।
किसी भी विकासशील देश में शिक्षा व पोषण दो मुख्य इश्यू हैं। इन दोनों पहलुओं पर ध्यान देने पर व्यक्ति के सारे पहलू अपने आप पूर्ण हो सकते हैं।
(Nutrition and Education are the two basic issues, which had to be emphasized in any developing country, the rest of the thing will come automatically)
हमारा देश विकासशील देश है। अतः इस क्षेत्र में करियर या रोजगार के बहुत अवसर हैं। सरकारी संस्थान हॉस्पिटल में अभी मप्र में पोषण पुनर्वास केंद्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है, पूरे मप्र में पोषण पुनर्वास केंद्र की संख्या 56 है। इन केंद्रों पर आहार विशेषज्ञ रीढ़ की हड्डी है।
पोषण एवं आहार से जुड़े पाठ्यक्रम 1 सीएमएस कॉलेज कोट्टायम, केरल 2 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन, हैदराबाद 3 निर्मल निकेतन, कॉलेज ऑफ होम साइंस मुंबई यूनीवर्सिटी, मुंबई 4 लेडी इरविन कॉलेज, नई दिल्ली 5 वूमन क्रिश्चयन कॉलेज, चेन्नई 6 शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय मोती तबेला, इंदौर
(लेखिका चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, इंदौर में आहार एवं पोषण विशेषज्ञ हैं)