टी टेस्टर-चाय की चुस्कियों में बनाएं करियर

बुधवार, 2 मई 2012 (17:32 IST)
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चाय ऐसा पेय है जिसे शायद ही किसी व्यक्ति ने अपने होंठों से न लगाया हो। चाय का चस्का हर किसी को रहतहै। चाय की चुस्की में होती है मिठासताजगी देने वाला पेय हचाय। चाहे गर्मी हो, बरसात हो, या ठंड हो चाय का चस्का नहीं छूटता।

हमारे यहां के नीति निर्माताओं ने तो चाय को राष्ट्रीय पेय तक घोषित करने की बात कह डाली। भारत चाय के उत्पादन में भी नबंर वन पर है और खपत में भी। अगर आप भी चाय की चुस्कियां लेकर करियर बनाना चाहते हैं तो टी टेस्टर बन सकते हैं। चायपत्ती बनाने वाली कंपनियां अपनी कंपनी में आकर्षक वेतन पर टी टेस्टर नियुक्त करती हैं।

चाय ऐसा उत्पाद है जो बागानों से सीधे खुले बाजार में नहीं बेचा जाता है। टी-टेस्‍टर चाय पीकर उसके स्‍वाद के आधार पर उसकी गुणवत्‍ता का मूल्‍यांकन करता है। गुणवत्ता पर ही चाय के मूल्‍य निर्धारित किए जाते हैं। टी टेस्टर के सुझावों के आधार पर ही कंपनियां अलग-अलग स्वाद की चाय बाजार में उतारती है।

टी टेस्टर का काम चुस्कियां लेने जितना भी आसान नहीं है। टी टेस्टर बनने से बनने से पूर्व प्रशिक्षण प्राप्‍त करना होता है। चाय की खेती और व्यापार पश्चिम बंगाल और असम में होने से इसके प्रशिक्षण संस्‍थान भी वहीं पर हैं।

प्रमुख संस्‍थान हैं-
दार्जीलिंग टी रिसर्च सेंटर, कुर्सियांग, दार्जिलिंग।
दीपरास इंस्‍टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्‍टडीज, एफ ई 477, साल्‍टलेक सिटी कोलकाता।
दार्जीलिंग टी रिसर्च एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन कदमताल।

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