यदि आंकड़ों की बात करें तो देश में जितने इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के पासआउट निकल रहे हैं, उनमें आईटी क्षेत्र के कुल 19 प्रतिशत से भी कम छात्र व मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल इंजीनियरिंग से 8 प्रतिशत से भी कम छात्र नौकरी पाते हैं। तो आप खुद ही समझ सकते हैं कि बाकी पासआउट यदि नौकरी कर भी रहे होंगे तो वे निश्चय ही अपनी डिग्री के अनुरूप नौकरी पर शायद ही होंगे।