जॉब पहला हो या इसके पहले कई जॉब्स कर चुके हैं, अगर आपको भी लगता है कि आपकी काबिलियत के मुकाबले में आप की सैलरी कम है तो समझ लीजिए आप एचआर के हाथों बेवकूफ बन चुके हैं। जो आपसे सैलरी के समय थोड़ा डराकर, आपको नाकाबिल साबित कर, आपको बहुत कुछ सिखाने का झांसा देकर और मीठी मीठी बातें करके अपने जाल में फंसाने में माहिर है।
आप इस समय गलती कर गए तो अगले एक साल और न जाने ऐसे ही आने वाले कितने और सालों तक अपने किए पर पछताएंगे। तो हम कहेंगे कि खुद को बचा लीजिए और आगे आने वाले टिप्स की मदद से पाइए मनचाही सैलरी।
1. अपनी कीमत पहचानें - लॉ ऑफ अट्रेक्शन पर आपकी सैलरी हाइक आधारित है। अगर आपको बढ़ी हुई सैलरी चाहिए, आपको अपनी बात कहनी होगी। आपको होशियारी से अपनी काबिलियत गिनाते हुए नेगोशिएशन की स्थिति बनानी होगी। आपके लो कांफिडेंस लेवल और खुद पर डाउटफुल देखकर एचआर तुरंत पहचान लेंगे और आप कभी भी अपनी असली काबलियत के मुताबिक सैलरी नहीं पा सकेंगे।
2. बेकरार न लगें - अक्सर जॉब सर्च के समय जॉब पाने की जल्दी में हम ऑफर मिलते ही हां कर देते हैं। ऐसा करने से बचें क्योंकि इस तरह की आदत के चलते आपको आपकी मनचाही जॉब और सैलरी नहीं मिलेगी। अपना समय लें और तुंरत जवाब देने के बदले थोड़ा समय मांग लें।
3. जितना चाहते हैं उससे अधिक मांगे - एचआर में लोग अपना काम पूरी होशियारी से करते हैं और आप जितना भी कहेंगे उससे काफी नीचे डील सील करने में उन्हें महारत होती है। आपको हर कदम में समझदारी से काम लेना होगा। अगर आपको अपने मनमुताबिक सैलरी देने के लिए एचआर राजी नहीं हैं, अगले बिंदु पर गौर करें। अगले पेज पर सैलरी नेगोशिएशन...
4. अन्य कंपनी का ऑफर बताएं - कंपनी को यह बताएं कि आपके पास और भी ऑप्शन है और वे अकेले नहीं हैं जो आपको हायर करना चाहते हैं। खासतौर पर अगर आप यह पता लगा सकें कि कंपनी की प्रतिस्पर्धा में कौन सी कंपनी है तो बेहतर है। आपको कंपनी के नाम सहित बताना है कि आपको वहां से भी ऑफर मिल चुका है। इसी तरह, अगर आप अपनी अभी वाली कंपनी बदलने के हिसाब से किसी कंपनी के एचआर से मिल रहे हैं, उन्हें बताना न भूलें कि आपकी कंपनी आपको काफी अच्छी हाइक देने वाली है।
5. सेलरी नेगोशिएशन के समय संयम रखें -सैलरी की बात करते समय संयमित नजर आएं, आपका कंट्रोल खोना गलत साबित हो सकता है। इसके अलावा, यह साबित करने की कोशिश न करें कि आपको इस जॉब की जरूरत ही नहीं है। अपनी बात के पीछे ठोस कारण बताएं जिनमें आपकी काबलियत, योग्यता और अनुभव शामिल हैं। आपको अपनी बात उन्हें समझानी है। उन्हें आपकी जरूरत महसूस कराएं, आपको मनमुताबिक सेलरी मिलेगी।
6. दूसरे लोगों की सेलरी पता लगाएं - अपने साथियों की सैलरी जानें। ऐसे लोगों के साथ रहें जिनके अन्य कंपनियों में दोस्त हैं। अन्य कंपनियों की सेलरी जानने की कोशिश करें। आपको पता चल जाएगा कि इस समय मार्केट किस तरह का है और उसी के अनुरूप सैलरी मांगे।
7. सेलरी के अलावा, अन्य फायदों पर नजर रखें - कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले अन्य फायदों पर नजर रखें। इनमें मेडिकल, टूर, कैजूअल लीव्स शामिल हैं। हर कंपनी की अपनी पॉलिसी होती है, सैलरी के अलावा इस पर भी ध्यान दें।
अगले पेज पर ऑफर लेटर मिलने के बाद...
8. जॉब चुनने का फैसला बहुत सोचने के बाद लें - अक्सर अनुभवी लोग, पहले से ही सेट ब्रांड में जॉब करने की सलाह देते हैं। यह सलाह काफी हद तक सही भी है परंतु सलाह कारगर तभी है जब ब्रांड द्वारा आपको ऑफर किया गया पैकेज अच्छा हो। वजह है कि अगली नौकरी पर आपका पुराना पैकेज पूछा जाएगा। अगर आपको नई कंपनी और बड़े पैकेज और पुरानी कंपनी और छोटे पैकेज में से चुनना हो तो, जल्दबाजी न करें। आराम से सोचने के बाद फैसला लें।
9. खराब ऑफर को ठुकराने की हिम्मद दिखाएं - अगर आपको ऑफर पसंद नहीं आ रहा है, इसमें फेरबदल की इच्छा जाहिर करें। कई बार, आपके पास इस खराब ऑफर को ठुकराने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं रहता। यकीन जानिए, आप इससे कहीं बेहतर के काबिल हैं और जल्द ही आपकी योग्यता के अनुसार सैलरी वाला ऑफर आपको मिलेगा।
10. ऑफर लेटर मिलने के बाद नेगोशिएशन न करें - सैलरीपर अपनी बात कहने का मौका ऑफर लेटर मिलने के पहले था। ऑफर लेटर मिलने के बाद, आपके सारे प्रयास विफल होंगे। इसके अलावा कंपनी आपका इंप्रेशन खराब होगा, जो आप बिल्कुल नहीं चाहते।
जॉब में सैलरी सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। कंपनी को आपसे बहुत सी आशाएं होती हैं जिनमें आपका हाई क्लास पर्फोर्मेंस शामिल है। आपके बेहतर पर्फोर्मेंस के लिए आपका सेटिस्फेक्शन भी जरूरी है जो बहुत कुछ सेलरी पर निर्भर करता है। इन टिप्स की सहायता से वह पाएं जो आप चाहते हैं और कंपनी को वह दें जिसकी उसे आपके आशा है।