'मिस इंडिया अर्थ 2008' बनने का गौरव पाने वाली तन्वी एक ऐसी लड़की है, जिसने अपने सपनों को हकीकत बनाया है। पेशे से ग्राफिक डिजाइनर तन्वी के लिए मिस इंडिया अर्थ बनना किसी आश्चर्य से कम नहीं था। कहते हैं कि जब आपका भाग्य व आपकी मेहनत दोनों आपका साथ दें तब दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है। प्रस्तुत है सादगी व सौंदर्य की मलिका तन्वी व्यास से हमारी एक खास मुलाकात :
प्रश्न : एक छोटे शहर से 'मिस इंडिया अर्थ' बनने तक का सफर आपके लिए कैसा रहा? उत्तर : मेरे लिए फेमिना मिस इंडिया बनने तक का सफर बहुत ही अच्छा रहा। मुझे कई नए लोगों से मिलने का और उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। इस अनुभव ने मुझे एक चुलबुली कॉलेज गोइंग लड़की से एक जिम्मेदार लड़की बनाया है। अब मुझे अहसास हुआ है कि मेरा भी कोई नाम है, मेरी अपनी अलग पहचान है, जिसके कारण मेरी कुछ जिम्मेदारियाँ बनती हैं, जिन्हें मुझे निभाना है।
प्रश्न : कैसे आपने फेमिना मिस इंडिया कांटेस्ट में भाग लेने के बारे में सोचा? उत्तर : मैं पहले से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन मेरी माँ और चाची की इच्छा थी कि मैं फेमिना मिस इंडिया के ऑडिशन में भाग लूँ। उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मैंने अहमदाबाद में इस प्रतियोगिता के लिए ऑडिशन दिया।
मैं एक बिजनेस वूमेन बनना चाहती हूँ। मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं स्वयं का एक लाइफ स्टाइल डिजाइनर स्टोर खोलूँ जहाँ डिजाइनिंग संबंधी हर प्रकार की प्रॉब्लम का हल मौजूद हो। उस स्टोर पर लोगों को अच्छे से अच्छे प्रोडक्ट व बेहतर सुविधाएँ मिलें।
प्रश्न : दुर्भाग्य से मिला यह सौभाग्य आपके लिए कैसा रहा? उत्तर : मुझे लगता है कि मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूँ, जिसके कारण मुझे यह सम्मान मिला। मेरी मेहनत और ईश्वर की कृपा ने मुझे इस मुकाम तक आने का मौका दिया है। मैं यह मानती हूँ कि यदि आपमें सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता है तो आपको कामयाबी के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता है।
प्रश्न : मिस इंडिया बनने के बाद आपके क्या अनुभव रहे? उत्तर : इस खिताब को जीतने के बाद मुझे दुनिया घूमने का मौका मिला। इस खिताब ने मुझे अपनी एक अलग पहचान दिलाई, जो मेरे लिए जिंदगी का बहुत अच्छा अनुभव था।
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प्रश्न : देश की सुंदरी का यह खिताब जीतने के बाद आपको कौन-कौन से बड़े ऑफर मिले? उत्तर : मुझे बहुत सारे अच्छे ऑफर मिले। हाल ही में मैंने टाटा इंडिकॉम के 'गर्वी गुजरात' नाम के एक वीडियो में काम किया है। इसमें गुजरात के सभी सफल व्यक्तियों की सफलता की कहानी को दर्शाया गया है। इसके अलावा मैं अच्छे ऑफर्स का इंतजार कर रही हूँ। यदि मुझे कोई अच्छा ऑफर मिलता है मैं तो जरूर उसके लिए काम करूँगी।
प्रश्न : मिस इंडिया अर्थ बनने पर परिवार की क्या प्रतिक्रिया रही? उत्तर : ये मेरे परिवार का हौसला व सहयोग ही था कि मैं आज इस मुकाम तक पहुँची हूँ क्योंकि परिवार व दोस्तों के सहयोग के बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता है।
प्रश्न : क्या आप मानती हैं कि सौंदर्य की मलिका के खिताब की इस प्रतियोगिता में हमारे देश की राष्ट्रभाषा का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए? उत्तर : हम भारतीय हैं और हमें अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए। हिंदी एक बहुत ही सुंदर व मीठी भाषा है, जिसे बढावा मिलना चाहिए। जब मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में गई थी, तब मैं वहाँ बहुत-सी ऐसी लड़कियों से मिली, जिन्हें अँगरेजी बोलना नहीं आता था। उन्होंने वहाँ अपनी राष्ट्रभाषा में स्वयं को अभिव्यक्त किया। इसमें उन्हें किसी भी प्रकार की शर्म महसूस नहीं हुई। जब विश्वस्तर की प्रतियोगिता में वे लोग अपनी राष्ट्रभाषा में अपनी बात रखते हैं तो फिर हमें हिंदी बोलने में शर्म क्यों महसूस होती है?
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प्रश्न : क्या कारण है कि ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन और प्रियंका चोपड़ा के बाद किसी और सुंदरी ने इतनी ख्याति अर्जित नहीं की? क्या इसे आप मल्टीनेशनल कंपनियों की भारतीय सुंदरियों के प्रति अनदेखी कहेंगी? उत्तर : मुझे लगता है कि इसकी एकमात्र वजह मल्टीनेशनल कंपनियों की अनदेखी ही नहीं है, हो सकता है इस अनदेखी का कोई और कारण रहा हो।
प्रश्न : क्या हम तन्वी को किसी फिल्म, सीरियल या विज्ञापन में देख पाएँगे? उत्तर : मैं विज्ञापनों में काम करने की कोशिश कर रही हूँ। जैसे-जैसे मुझे अच्छे ऑफर मिलेंगे, मैं उनमें जरूर काम करूँगी। बेशक जल्द ही आप मुझे टीवी पर देखेंगे।
महिलाओं के पिछड़ेपन का एक कारण हमारे समाज की संकुचित सोच भी है। जो लोग आज भी महिलाओं को आगे आने नहीं देना चाहते हैं, मैं उनसे यही कहूँगी कि आप महिलाओं को कुछ कर दिखाने का मौका तो दें फिर वो अपना लक्ष्य खुद-ब-खुद हासिल कर लेंगी।
प्रश्न : पेशे से ग्राफिक डिजाइनर तन्वी अब किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती हैं? उत्तर : मैं एक बिजनेस वूमेन बनना चाहती हूँ। मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं स्वयं का एक लाइफ स्टाइल डिजाइनर स्टोर खोलूँ जहाँ डिजाइनिंग संबंधी हर प्रकार की प्रॉब्लम का हल मौजूद हो। उस स्टोर पर लोगों को अच्छे से अच्छे प्रोडक्ट व बेहतर सुविधाएँ मिलें।
मेरा इस क्षेत्र में जितना भी अनुभव है, मैं चाहती हूँ कि उस स्टोर के माध्यम से मैं उन अनुभवों को लोगों में बाँट सकूँ। आज हमारे देश में ग्रूमिंग की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि यहाँ कई लोगों को पता ही नहीं होता है कि उन्हें क्या करना चाहिए इसलिए मैं एक ग्रूमिंग स्कूल भी खोलना चाहती हूँ।
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प्रश्न : छोटे शहर में भी संभावनाएँ हैं। तन्वी इसकी मिसाल बनी हैं, लेकिन आज भी इस देश में कई महिलाएँ पिछड़ी हैं, इसके पीछे क्या कारण हैं? उत्तर : पहले के मुकाबले अब भारत में लड़कियों की स्थिति में बहुत कुछ सुधार आया है। मैं बहुत जगह घूमी हूँ, जिससे मुझे यह लगा है कि आज लड़कियाँ हर क्षेत्र में उन्नति कर रही हैं।
उन्हें देखकर मुझे लगता है कि हम महिलाओं ने भी बहुत कुछ हासिल किया है। हालाँकि आज भी हमारे देश में कई ऐसे पिछड़े राज्य हैं, जहाँ महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है।
महिलाओं के पिछड़ेपन का एक कारण हमारे समाज की संकुचित सोच भी है। जो लोग आज भी महिलाओं को आगे आने नहीं देना चाहते हैं, मैं उनसे यही कहूँगी कि आप महिलाओं को कुछ कर दिखाने का मौका तो दें फिर वो अपना लक्ष्य खुद-ब-खुद हासिल कर लेंगी।
प्रश्न : वेबदुनिया के यूजरों के लिए आप क्या कहना चाहेंगी? उत्तर : वेबदुनिया के सभी यूजरों को मेरी और मेरे परिवार की ओर से नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ। आपके लिए यह नववर्ष बहुत अच्छा रहे तथा इस वर्ष आपको ढेर सारी खुशियाँ मिलें।