प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता व एक्शन हीरो अक्षय कुमार का जन्म 9 सितंबर 1967 में कुंभ लग्न वृश्चिक राशि पुष्य नक्षत्र में हुआ। वैसे भी पुष्य नक्षत्र में जन्मे जातक संघर्ष के बाद ही सफलता पाते हैं। आपने प्रारंभ से ही काफी मेहनत की और आज बॉंलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक हैं।
आपकी पत्रिका में कुंभ लग्न होने से आप उत्तम कदकठी के हैं, वहीं इकहरे शरीर वाले भी है। लग्न का स्वामी वक्री होने से लग्न का फल देगा अतः शनि बलि हुआ।
द्वितीय धन व कुटुम्ब भाव के साथ आय एकादश भाव का स्वामी गुरु षष्ठ भाव में उच्च कर्क राशि में होने से आय के साधन कठीन परिश्रम से उत्तम ही रहते हैं। क्योंकि यहां से गुरु दशम व्यापार भाव पर मित्र दृष्टि डालता है। वहीं चंद्र के साथ-साथ मंगल के होने से एक तो पंचमहापुरुष योग में से एक रूचक योग बना रहा है। वहीं चंद्र पर पूर्ण दृष्टि होने से गजकेसरी नामक राजयोग भी बना रहा है।
ऐसी स्थिति वाला जातक अपने पुरुषार्थ से उच्च सफलता पाता है। मंगल तृतीय पराक्रम भाव का स्वामी है, पराक्रम भाव अपने भुजबल का होता है। उस भाव का स्वामी मंगल स्वराशि का होकर दशम भाव में होने से आप अपने प्रोफेशन के प्रति सजग भी रहते हैं और यही कारण आपकी फिटनेस का राज भी है।
WD
आप मार्शल आर्ट के धनी भी है, पत्रिका में मंगल तृतीय का होने से पराक्रम व परिश्रमपूर्वक कार्यों में सफलता का कारण भी बनता है। मंगल उच्च या स्वराशि का हो तो ऐसा जातक खिलाडी़ या खेल से संबंध रखने वाला होता है।
पंचम मनोरंजन, विद्या भाव का स्वामी उच्च का होकर अष्टम भाव में होने से आपको फिल्मी दुनिया में परिश्रम के द्वारा ही उच्च सफलता मिलने का रहा। यहां आपकी पत्रिका में चंद्र नीच का होकर दशम भाव में है, वहीं मंगल के साथ होने से चंद्र का नीच भंग भी हो रहा है। इस कारण चंद्र का फल भी उच्च ही रहेगा। शत्रु भाव षष्ट में उच्च का गुरु है वहीं गुरु की कृपा चंद्र पर पड़ रही है। इस कारण आपके प्रतिद्वंद्वि नहीं रहते व आपका किसी से बैर भाव भी नहीं रहता।
पराक्रम भाव तृतीय भाव में राहु मेष का होने से भी शत्रुहंता भी रहता है। स्वराशि सिंह का सूर्य होने से आपको पत्नी द्वारा भी सहयोग मिलता है। आपका शुक्र सूर्य की राशि सिंह में वक्री होने से सामान्य व सुन्दर हैं। 16 नवंबर से शनि उच्च का होगा, तब वह भाग्य से भ्रमण करने के कारण आपको आगामी ढाई वर्षों में अच्छी सफलता मिलना चाहिए।