एक्जिट पोल के आरंभिक रुझान के बाद भाजपा में हर्ष की लहर दौड़ रही है। लेकिन सवाल यही है कि क्या वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पद पर पुन: आसीन होने में सफल रहेंगे? इस बात को लेकर हर वर्ग अपनी-अपनी राय दे रहा है। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ज्योतिषीय गणना क्या संकेत दे रही है?
मोदी के सितारे-
प्रधानमंत्री मोदी की जन्म पत्रिका वृश्चिक लग्न की है। मोदी की राशि भी वृश्चिक है। मोदी की जन्म पत्रिका में लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रुचक' नामक पंचमहापुरुष राजयोग बना है। मंगल के स्वराशिस्थ होने के कारण उनमें ओज व शौर्य की अधिकता है। जनता का कारक होकर चतुर्थेश शनि दशम भाव में स्थित है एवं शनि की पूर्ण दृष्टि अपने ही भाव पर होने से मोदी को जनता का अपार प्यार प्राप्त हो रहा है।
मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युतिकारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है। इसके साथ ही 'महालक्ष्मी योग' का भी सृजन हुआ है। चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि उन्हें जन-लोकप्रिय नेता बना रही है।
मोदी की कुंडली में कर्मक्षेत्र का अधिपति सूर्य लाभ भाव में अपने मित्र बुध के साथ स्थित होकर 'बुधादित्य' नामक राजयोग बना रहा है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर शनि के साथ युतिकारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है।
गुरु के प्रभाव के कारण मोदी का विवाह तो हुआ किंतु सप्तमेश के शत्रुक्षेत्री होने व शनि के साथ युतिकारक होने से उन्हें दांपत्य सुख प्राप्त नहीं हुआ। पंचमेश गुरु के अपने ही भाव पंचम से द्वादश चतुर्थ में स्थित होने एवं पंचम भाव में राहु के स्थित होने से उन्हें संतान सुख का अभाव रहा।
क्या मोदी पुन: पीएम बनेंगे?
वर्तमान में मोदी 'नीचभंग' राजयोगकारक ग्रह चन्द्र की महादशा के प्रभाव में है। यह दशा वर्ष 2021 तक प्रभावशील रहेगी। लोकसभा चुनाव के समय मोदी केतु की अंतरदशा एवं क्रमश: शुक्र, सूर्य, चन्द्र व मंगल की प्रत्यंतर दशाओं के प्रभाव में रहेंगे। ये सभी अनुकूल प्रत्यंतर मार्च 2019 से मई 2019 तक प्रभावशील रहेंगे।
इन ग्रह स्थितियों के परिणामस्वरूप मोदी को लोकसभा चुनावों में अच्छी सफलता प्राप्त होगी। वे अपने नेतृत्व में राजग सरकार को सत्तारूढ़ करने में सफल रहेंगे किंतु केतु के प्रभाव के कारण उन्हें विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलेगी। अंततोगत्वा अनुकूल ग्रह स्थितियों से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि मोदी की पुन: देश के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है।
(घोषणा : उपर्युक्त विश्लेषण मोदी की उपलब्ध जन्म पत्रिका के आधार पर दिया गया है। हम प्राप्त जन्म पत्रिका की प्रामाणिकता का दावा नहीं करते हैं।)
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है)