भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने बातचीत में कहा कि यह अभियान इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने करीब 4 साल पहले चंद्रयान-2 की 'सॉफ्ट लैंडिंग' के दौरान आई समस्या के समाधान के लिए कई उपाय किए थे और प्रणालियों को मजबूत किया था।
नायर ने कहा कि आमतौर पर कुछ गलत नहीं होना चहिए। इस खेल में हम कुछ नहीं कह सकते। ये बड़ी घटना हैजिसमें बहुत सारी उपप्रणालियां और घटक साथ में काम कर रहे हैं। यहां तक कि अगर कहीं भी कोई हल्की-सी भी गड़बड़ होती है तो हम मुश्किल में पड़ सकते हैं। हमें वाकई सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रक्षेपण पूर्व की तैयारियां चल रही हैं, उम्मीद करता हूं कि वे सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक गौर करेंगे और खामी मिलने पर उसे दूर करेंगे।(भाषा)