छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी भाजपा इस बार नए चेहरों पर दांव लगाने जा रही है। भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में जिन 21 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है उनमें अधिकांश नए चेहरे है। 2018 के विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाली भाजपा ने अपनी पहली सूची में पुराने चेहरे को पूरी तरह से साइडलाइन कर नए चेहरों को मौका दिया है।
चुनाव में नए चेहरों पर दांव-अगर पार्टी की ओर से जारी पहली सूची पर नजर डाली जाए तो प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से शकुंतला सिंह पोर्ते ,लुण्ड्रा से प्रबोध मिंज ,खरसिया से महेश साहू, धर्मजयगढ़ से हरिश्चंद्र राठिया, मरवाही से प्रणव कुमार, सरायपाली से सरला कोसरिया, खल्लारी से अलका चंद्राकर, अभनपुर से इंद्र कुमार साहू ,राजिम से रोहित साहू, डौंडीलोहारा से देवलाल हलवा ठाकुर, खैरागढ़ से विक्रांत सिंह, खुज्जी से गीता घासी साहू, कांकेर से आशाराम नेताम और बस्तर से मनीराम कश्यप शामिल है।
भाजपा की पहली सूची में जिन नए चेहरों को मौका मिला है उनमें सूबे के दो महत्पूर्ण संभाग रायपुर और बिलासपुर भी शामिल है। पार्टी ने रायपुर संभाग के जिन 5 विधानसभा सीटों और बिलासपुर की जिन 4 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों को नाम तय किए है उन सभी 9 सीटों पर भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यहीं कारण है कि भाजपा ने इन 9 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है।
दिग्गजों के सामने नए चेहरे!-भाजपा ने अपनी पहली सूची में कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पहचानी जाने वाले खरसिया विधानसभा सीट से महेश साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है। वर्तमान में खरसिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उमेश पटेल का कब्जा है जो कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदकुमार पटेल के बेटे है। वहीं भाजपा की ओर से चुनावी मैदान में उतारे गए महेश साहू छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष होने के साथ रायगढ़ भाजपा के जिला महामंत्री है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पारंपरिक सीट के रुप में पहचानी जाने वाले मरवाही विधानसभा सीट से भाजपा ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रणव कुमार मरपच्ची को मैदान में उतारा है। जोगी परिवार के गढ़ के तौर माने जाने वाली मरवाही सीट, अजित जोगी के निधन के बाद जोगी परिवार के हाथ से छिटक गई थी और उपचुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया था। ऐसे में भाजपा अब चुनाव से तीन महीने पहले उम्मीदवार के नाम का एलान कर मरवाही में सेंध लगाना चाह रही है।
इसी तरह अभनपुर विधानसभा सीट जो सूबे की हाईप्रोफाइल विधानसभा सीट है, वहां से भाजपा ने 2 बार के सरपंच इंद्रकुमार साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है। अभनपुर से वर्तमान में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू विधायक है और अभनपुर को कांग्रेस के गढ़ के तौर पर जाना जाता है।
भाजपा का 90 सीटों पर टिकट का फॉर्मूला-छत्तीसगढ़ की कुल 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही भाजपा ने सत्ता में वापसी के लिए टिकट बंटवारे का खासा फॉर्मूला तैयार किया है। पार्टी ने कुल 90 सीटों को ABCD की चार कैटेगरी में बांटा है। इसमें A कैटेगरी में वो सीट हैं जहां भाजपा लगातार जीत हासिल करती आई है। वहीं B कैटेगरी में वो सीटें हैं जिसमें कभी भाजपा की हार होती है तो कभी जीत होती है। वहीं C कैटेगरी में वो सीटें है जो पिछले दो चुनावों से हार रही है। वहीं D कैटेगरी में वो सीटें हैं जिसको भाजपा अब तक नहीं जीत पाई है।
पार्टी की रणनीति है कि जिन सीटों पर उसको लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है वहां पर चुनाव की तारीखों के एलान से पहले उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दें, जिससे पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने के साथ अपनी पकड़ बनाने का मौका मिल सके।