भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा चुनाव चुनाव के लिए घोषणा पत्र तैयार करने के लिए जो घोषणा-पत्र समिति बनाई है, उसमें चौधरी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। खास बात यह है कि समिति में ओपी चौधरी के साथ मुख्यमंत्री रमनसिंह भी बतौर सदस्य शामिल हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को समिति का संयोजक बनाया गया है।
अगर बात करें समिति के अन्य सदस्यों की तो राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय, केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम, सांसद रमेश बैस, मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, पुन्नूलाल मोहले, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू, कार्यालय मंत्री सुभाष राव, महापौर मधुसूदन यादव, विधायक श्रीचंद सुंदरानी भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं।
इतने दिग्गज नेताओं के बीच ओपी चौधरी को समिति में शामिल होना उनके बढ़ते सियासी कद को दिखाता है। सियासी गलियारों में चौधरी को सीएम रमन का करीबी माना जाता है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि ओपी चौधरी को युवाओं को रिझाने के लिए बीजेपी का नया विजन तैयार करने की अहम जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी है। वहीं ओपी चौधरी के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेजी से चल रही है।
मुख्यमंत्री ने किया बचाव : ओपी चौधरी पर लगे आरोप को मुख्यमंत्री रमनसिंह ने खारिज किया है। सीएम ने कहा कि आम आदमी पार्टी को कुछ सूझ नहीं रहा इसलिए आरोप लगा रही है। सीएम ने ओपी चौधरी को बेदाग छवि का बताया। वहीं घोषणा पत्र समिति में शामिल करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपी चौधरी की कलेक्टर के तौर पर प्रशासनिक ताकत को सबने देखा है और पार्टी योग्य आदमी का उपयोग करेगी।