रायपुर। 2003 के मुकाबले इस बार भाजपा ने चार महिलाओं को अधिक टिकट दिया है। समाप्त हुई विधानसभा में तीन आदिवासी महिलाएँ रेणुका सिंह, लता उसेंडी और पिंकी ध्रुव भाजपा की प्रतिनिधि थीं। पिछड़े वर्ग से रमशीला साहू ने विधानसभा में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया। बीते चुनाव में भाजपा ने छह महिलाओं को मौका दिया था, जिसमें दो को पराजय झेलनी पड़ी।
प्रदेश के पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास फीसदी आरक्षण देने के बाद विधानसभा चुनाव में भी अधिक महिलाओं को प्रत्याशी बनाए जाने की मॉंग की जा रही थी। संगठन के पदाधिकारियों पर इसके लिए लगातार दबाव बनाया गया। आखिरकार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कहना पड़ा कि इस बार कम से कम दस महिलाओं को मौका दिया जाएगा। प्रत्याशियों की सूची में दस स्थान महिलाओं को दिया गया।
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 स्थान आरक्षित हैं, लेकिन परिसीमन में विलुप्त हुए पाँच स्थानों की भरपाई करते हुए भाजपा ने 32 स्थानों पर इस वर्ग के प्रतिनिधियों को उतारा है। यानी जिन तीन अनारक्षित सीटों पर अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधि चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें दो महिलाएँ हैं। अनुसूचित जाति की एक महिला प्रत्याशी को आरक्षित क्षेत्र सरायपाली से अवसर दिया गया है। पिछड़े वर्ग की दो महिलाओं को मैदान पर उतारा गया है, जबकि सामान्य वर्ग की एक महिला भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। (नईदुनिया)